Saturday, 13 September 2014

**~मेरी बिटिया~ मेरी परी ! मेरी शहज़ादी! ~**


चाँद का नूर,
सितारे आँखों में लिए; 
चन्दन की सुगंध,
बाँसुरी की धुन लिए;  
तितली के रंग,
फूलों की हँसी लिए; 
बूँदों की रुनझुन, 
बोली में खनक लिए;
मेरे अँगना में उतरी 
एक नन्ही परी।  
मेरी गोदी में खेली ,
मेरी बाँहों में झूली,
मेरी पलकों पर, बनकर 
वो सपना पली। 

धरती-आकाश में, 
नित नए रंग खिले,
समय ने पग भरे, 
सपने को पँख लगे,
मेरी परी! 
तू अब शहज़ादी हुई !

मेरा जिस्म, मेरी जान!
मेरी रूह की पहचान !
मेरी बिटिया तू है,
मेरा मान-अभिमान !
तेरे आने से मेरा
जीवन महका। 
माँ कहकर मुझे 
तूने पूर्ण किया।

तेरे जन्मदिन पर दूँ,
तुझे तोहफ़ा मैं क्या ?
तू है मेरा ही अंश, 
मेरा सबकुछ तेरा। 

तेरी राहों के काँटे बुहार दूँ मैं,
तुझे फूलों की महकी बहार मिले !
तेरे सपने, तेरे अरमान सभी 
हो जाएँ पूरे, दुआएँ मेरी यही। 
तेरे जीवन में सुख-समृद्धि रहे,
दिल में शान्ति, संतुष्टि का वास रहे।
तेरे सिर पर सदा रहे
ईश्वर का हाथ,
और जीवन में 
उसका नूर बहे !!!