Friday, 26 July 2013

**~मेरा योरोप भ्रमण -भाग ५ ~ "जर्मनी की सैर व स्विट्ज़रलैंड में प्रवेश" ~**

 सुबह नाश्ते के बाद हम लोग निकले जर्मनी के लिए! जर्मनी पहुँचते-पहुँचते ग्यारह के आस-पास बज ही गये होंगे! रास्ते में मनीष, हमारे गाइड... हमें हिट्लर (Hitler) के बारे में बाताते आए! हिट्लर के जन्म से लेकर... उसके गुण, अवगुण, उसकी ग़लतियाँ... उसके अत्याचार तथा उसका अंत.. सबकुछ इतने रोचक ढंग से उन्होनें बताया... कि हम सब सिर्फ़ और सिर्फ़ सुनते रहे... और जैसे ही उन्होनें इस कहानी का अंत किया... हम सबके मुँह से वाह! वाह! निकली... और सबने खूब ज़ोर से तालियाँ बजाईं...!
    
       इसी प्रकार सुनते-सुनाते हम  लोग पहुँच गये जर्मनी(Germany) के मशहूर शहर कोलोन (Cologne [Koln] ) ! वहाँ पहुँचकर हम लोग Cologn Cathedral देखने गये! ये 'एक सौ सत्तावन मीटर' ऊँचा cathedral ... 'थ्री वाइज़ मेन' (three wise men) के लिए भी जाना जाता है...जिन्हें जीसस क्राइस्ट (Jesus Christ) के जन्म का, उनकी महानता का पहले ही से आभास हो गया था..! अंदर से ये चर्च बहुत ही खूबसूरत और काफ़ी बड़ा था! उसमें कुछ वक़्त बिताने के बाद हम लोग कोलोन की गलियों में घूमे! कुछ memoirs लिए !








Cologne Cathedral inside (Photo: Anita Lalit)


Cologne Cathedral inside (Photo: Anita Lalit)

Cologne Cathedral inside (Photo: Anita Lalit)

Cologne Cathedral inside (Photo: Anita Lalit)




Cologne Cathedral, Germany (Photo: Anita Lalit)


Cologne Cathedral की ऊँचाई को देखते हुए
(Photo: Anita Lalit)

    
      कोलोन शहर म्यूज़ियम्स (museums) के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है! वहाँ आस-पास कुछ म्यूज़ियम्स भी बाहर से देखे... क्‍योंकि अंदर जाने का समय नहीं था! पास में ही राइन (Rhine River) नदी बह रही थी...हम लोग उसके किनारे घूमकर आए! फिर हम सब कारल्स रूहे (Karlsruhe) अपने होटेल  की  तरफ चल दिए...जहाँ हमें एक रात ठहरना था! 


Photo: Anita Lalit




Cologne City Market (Photo: Anita Lalit)

     आज से अगले तीन दिन हम लोगों के बहुत बढ़िया गुज़रने वाले हैं... ऐसा हमारे गाइड मनीष जी कहना था! सो हम सभी बहुत एक्साईटेड (excited) थे!


       अगले दिन सुबह नाश्ते के बाद हम सब चल दिए ब्लैक फोरेस्ट (Black Forest) की तरफ ! वही सुंदर हाई-वे का नज़ारा, सुबह की ताज़गी और मन में स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) के और नज़दीक पहुँचने की उमंग से... मूड और भी बढ़िया हो गया था!


Photo: Anita Lalit

Photo: Anita Lalit



        
      ब्लैक फोरेस्ट... घने, ऊँचे पेड़ों का जंगल है! पेड़ इतने घने व ऊँचे हैं.. कि उनसे रोशनी भी नीचे तक नहीं पहुँच पाती! कुछ दूर जाने के बाद पहाड़ों के साए दिखने लगे..! मनीष जी ने बताया... जब बर्फ गिरती है, तो पहाड़ों की चोटी पर जमी बर्फ आइसिंग (Icing) जैसी लगती है... इसी से ब्लैक फोरेस्ट पेस्ट्री (Black Forest Pastry) का नाम पड़ा!

   हम लोग कुक्कू क्लॉक फैक्ट्री (Cuckoo Clock Factory) में जा रहे थे! दुनिया की मशहूर... कुक्कू क्लॉक! जिसमें हर घंटे चिड़िया बाहर आती है, और अपनी सुरीली आवाज़ में 'कुक्क कू..' बोलती है, उसके बाद उसमें एक मधुर संगीत भी बजता है! जब हम सब वहाँ पहुँचे तो सुबह के ग्यारह बजने वाले थे! मनीष जी ने हम सबको जल्दी बाहर आने को कहा! हम सब एक 'बड़े से मकान के बराबर की घड़ी' के सामने पहुँच गये! ग्यारह बजते ही... ऊपर की खिड़की से एक लकड़ी की चिड़िया बाहर निकली, और ग्यारह बार 'कुक्कू..कुक्कू..' बोली, फिर अंदर चली गयी और खिड़की बंद हो गयी! उसके बाद एक मधुर धुन पर उस खिड़की के दोनों ओर बने हुए दरवाज़ों में से एक लड़का व लड़की के तीन/ चार जोड़े, बॉल डांस मुद्रा में अपनी जगह पर घूमते हुए बाहर निकले... और एक दरवाज़े से निकल कर दूसरे दरवाज़े में चले गये!


The Big Cuckoo Clock (Photo: Anita Lalit)


The Cuckoo coming outside the window (Photo: Anita Lalit)


The Dancing Pairs ( Photo: Anita Lalit)


कुक्कू क्लॉक बनाने की विधि बताते हुए....( Photo: Anita Lalit)
Cuckoo Clock Showroom (Photo: Anita Lalit)


     बचपन से कुक्कू क्लॉक देखेने का और घर में लगाने का बहुत मन था...आज वो दिन भी आ गया था! ये देखने के बाद हम सब इसकी फैक्ट्री में गये! वहाँ उन्होंने कुक्कू क्लॉक बनाने की विधि बताई! हम सबने ग्रैंड फ़ादर क्लॉक भी देखी! फिर उनके शोरूम में गये... जो कुक्कू क्लॉक के तरह-तरह के डिज़ाइन्स से भरा पड़ा था! एक कुक्कू क्लॉक हम लोगों ने भी ख़रीदी! मनीष जी ने बताया कि... कहने को तो स्विस घड़ियाँ बहुत प्रसिद्ध हैं... मगर कुक्कू क्लॉक यहीं ब्लैक फोरेस्ट जर्मनी में बनती है!

      इसके बाद हम लोगों ने वहीं दोपहर का खाना खाया! आज हम लोगों का खाना किसी रेस्टोरेंट में ना होकर पिकनिक मनाने जैसा वहीं फोरेस्ट में कैंप में लगा था! 


In the Black Forest with cuckoo clock (Photo: Anita Lalit)


     इसके बाद हम लोग वहाँ से चल दिए स्विट्ज़रलैंड के रास्ते पर.. पहाड़ी इलाक़ा पहले ही शुरू हो चुका था ! हर तरफ बस हरियाली ही हरियाली दिखाई दे रही थी...! दोनों तरफ Meadows और बीच में सड़क ..जिस पर हमारी बस चल रही थी...! अपनी हिन्दी फिल्मों में जो Meadows में गाने आदि फिल्माए जाते हैं...ख़ासकर यश चोपड़ा साहब  की फिल्मों में...वो वहीं पर शूट किए गये होते हैं... ऐसा मनीष जी ने बताया! बीच में कहीं-कहीं नदी भी दिख रही थी! पहाड़ों पर ही लोगों ने घर भी बनाए हुए थे... और कुछ ने गेस्ट हाउसस (Guest Houses) ....क्योंकि वहाँ से नीचे की घाटी का बहुत खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता था!


On way to Black Forest to Switzerland (Photo: Anita Lalit)




On way to Black Forest to Switzerland (Photo: Anita Lalit

On way to Black Forest to  Switzerland (Photo: Anita Lalit

On way to Black Forest to Switzerland (Photo: Anita Lalit

On way to Black Forest to Switzerland (Photo: Anita Lalit

  
     इस प्रकार चलते-चलते हम लोग पहुँचे... Rhine Falls, Schaffausen  पर ! ये बहुत बड़ा तथा बहुत ही सुंदर फॉल था..! हम लोग वहाँ उतरे... कुछ देर बोट-राइड (Boat ride) की ! बहुत ही मज़ा आया....!


Rhine Falls, Schaffhausen (Photo: Anita Lalit)

Rhine Falls, Schaffhausen (Photo: Anita Lalit)

Rhine Falls, Schaffhausen (Photo: Anita Lalit)


Rhine Falls, Schaffhausen (Photo: Anita Lalit)


Rhine Falls, Schaffhausen (Photo: Anita Lalit)


Rhine Falls, Schaffhausen (Photo: Anita Lalit)


      फिर वहाँ से आगे बढ़े... और  Zurich होते हुए लूसर्न  Lucerneपहुँचे! Zurich में हम लोगों ने  St. Peter's Church देखा जिसका  Clock Face Europe का  Largest clock face है !


The Largest Clock Face of St. Peter's Church, Zurich, Switzerland (Photo: Anita Lalit)


St. Peter's Church, Zurich, Switzerland (Photo: Anita Lalit)



  Lucerne की आबादी सेंट्रल स्विट्ज़रलैंड में सबसे अधिक है!  ये शहर River Reuss के किनारे बसा है! 


Lucerne City, Switzerland (Photo: Anita Lalit)


      पहले हम लोगों ने 'Lion Monument, The Lion of Lucerne'  देखा...जो उन Swiss Guards की याद में बना था...जो French Revolution के Massacre में मारे गये थे! ये एक जीवित, ज़ख़्मी शेर की मूर्ति है... जिसे देखकर बहुत दुख हुआ...! 


Lion Monument 'The Lion of Lucerne' (Photo: Anita Lalit)


   ये शहर Lucerne..... River Reuss के किनारे बसा है! इसके ऊपर चौदहवीं शताब्दी ( fourteenth century) में बना हुआ लकड़ी का पुल Chapel Bridge है !और उसके पास ही एक नया पुल भी बनाया गया है! पुल के एक तरफ River Reuss है तथा दूसरी  तरफ (लूसर्न लेक) Lucerne Lake है, जो इस शहर के नाम पर है ! कुछ देर हम वहीं घूमे फिरे! कुछ बढ़िया शो रूम्स में गये, चॉक्लेट्स ख़रीदी, आइस-क्रीम खाई!  इसके अतिरिक्त  कीऔर प्रस्थान किया अपने स्विट्ज़रलैंड के होटेल की ओर..!


Chapel Bridge, Lucerne, Switzerland (Photo: Anita Lalit)


New Bridge (Photo: Anita Lalit)


New Bridge (Photo: Anita Lalit)


 
Bucherer on the main square (Photo: Anita Lalit)

        
Photo: Anita Lalit 



Chocolates (Photo: Anita Lalit)


Photo: Anita Lalit


Our Hotel-Terrace (Photo: Anita Lalit)



अगले दो दिन यहीं स्विट्ज़र्लॅंड में ही गुज़ारने थे... जो हमारी ट्रिप का सबसे खूबसूरत हिस्सा था...!!! :-)))

                                                                        क्रमशः

Thursday, 18 July 2013

**~मेरा योरोप भ्रमण- भाग ४~ "नीदरलैंड्स (हॉलैंड)" ~**

            
         आज का दिन... हमारे परिवार के लिए बहुत ख़ास था! आज हमारे बेटे का जन्मदिन था! हमारे ग्रुप में भी अबतक सबको पता चल चुका था! हमारे टूर गाइड मनीष से बात कर के केक का इंतज़ाम भी हो चुका था!

        हम लोग सुबह नाश्ते के बाद तैयार होकर निकले एम्सटेरडम (Amsterdam) की सैर को! रास्ते भर नहर के किनारे सुंदर-सुंदर घर बसे हुए थे! लग रहा था जैसे वेनिस (Venice, Italy) में आ गये हैं! वहाँ के रहने वाले (लोकल) लोग नाव पर सैर का आनंद ले रहे थे! किनारे पर भी नावें बँधी हुईं थीं! शायद घर के लोग उसी से आना-जाना करते होंगे!
Photo: Anita Lalit



      आज हम लोग जाने वाले थे... वुडन शूज़ (Wooden shoes) और चीज़ फैक्ट्री (cheese)  factory में! वहाँ पहुँचने पर एक बहुत ही स्वीट से बंदे ने सबसे पहले हम सबको मुस्कुराते हुए हिन्दी में 'नमस्ते' कहा! फिर उसने लकड़ी का जूता बनाने की पूरी विधि बताई! उसने बताया ये जूते पुराने समय में किसान पहना करते थे! हल्का होने के कारण इससे खेतों में काम करने में आसानी होती थी!

लकड़ी के जूते बनाने की विधि बताते हुए... (Photo: Anita Lalit)


     इसके बाद वो ले गया हम लोगों को चीज़ (cheese) बनाने वाली जगह में! वहाँ उसने चीज़ (cheese) बनाने से लेकर उसे पैक कर के बाज़ार तक पहुँचाने की पूरी विधि विस्तार से बताई! और ये भी बताया... कि बाज़ार में बिकने वाली कोई-कोई पैक्ड चीज़ नॉन वेजिटेरियन भी होती है, अगर वो गाय के पेट से निकलने वाले एक पदार्थ से बनाई गयी हो तो !

 
चीज़ (Cheese) बनाने की विधि बताते हुए... (Photo: Anita Lalit)

     उस कमरे से निकलकर हम सब पहुँचे उसकी सजी-धजी दुकान में! वहाँ बहुत ही खूबसूरत पोर्सीलीन का सामान और हॉलॅंड (Holland) के  Memoirs रक्खे हुए थे! हम लोगों ने भी कुछ सामान निशानी के तौर पर खरीदा और वहाँ से चल दिए!

Holland Memoirs (Photo: Anita Lalit)


     सड़कें बहुत पतली थीं! ज़्यादातर वहाँ लोग साइकल चलाते हैं! साइकल के लिए अलग ट्रैक बना हुआ था, उसका अपना सिग्नल था! और तो और मल्टी लेवेल साइकल पार्किंग (Multilevel Cycle Parking) भी बनी हुई थी!



Multilevel Cycle Parking (Photo: Anita Lalit)




      कुछ ही देर में हम लोग पहुँचे एक बहुत बड़ी विंडमिल के पास! ये पुराने समय की विंडमिल थी!आजकल की विंडमिल पतली-पतली खूबसूरत थीं! उस पुराने ज़माने वाली विंडमिल के नीचे एक छोटा सा, प्यारा सा घर भी था, जिसमें किचेन व एक कोई और कमरा दिख रहा था!

पुराने समय की विंडमिल, जिसके नीचे घर भी है...(Photo: Anita Lalit)


     कुछ वक़्त वहाँ गुज़ारने के बाद हम लोग लंच के लिए पहुँचे! वहाँ पहले हमारे बेटे के जन्मदिन का केक कटा ! सबने खूब मज़े लेकर खाया!

     फिर हम लोगों ने केनाल क्रूज़ (Canal Cruise) की सैर की! कम से कम दो/ढाई घंटे तो हम लोग उसमें घूमे ही होंगे! किनारे-किनारे घर व दूसरी इमारतें थीं! बहुत सुंदर-सुंदर बोट हाउस (boat houses) भी बनाए हुए थे वहाँ के निवासियों ने, और कुछ में तो बाक़ायदा गार्डेन्स भी थे! कुछ क्रूज़ में लोग पार्टी भी करते हुए दिखे! और इस बार भी क्रूज़ कई पुलों के नीचे से निकला! इनमें से कुछ पुल ऐसे भी थे... जो कोई बड़ा क्रूज़ निकलने पर दरवाज़े की तरह खुलते और बंद हो जाते थे! आगे चलकर ये नहर समंदर में मिल जाती है... क्रूज़ वाले ड्राइवर जी हम लोगों को वहाँ तक ले गये!

Canal Cruise (Photo: Anita Lalit)

जहाँ से हम लोग क्रूज़ पर चढ़े (Photo: Anita Lalit)

Houseboats with Gardens (Photo: Anita Lalit)


Bridge over the canal (Photo: Anita Lalit)




समंदर में मिलती हुई Canal (Photo: Anita Lalit)

         क्रूज़ सैर के बाद हम लोग वहाँ के टाउन स्क्वेर  (Dam Square) यानी मेन मार्केट में आ गये! वहाँ  Madame Tussaud's Wax Museum भी था! कुछ देर वहाँ घूमे टहले... वहाँ की लाइफस्टाइल देखी ! वहाँ भी कोई जुलूस निकल रहा था... जिसे देखकर अपना देश याद आ गया...कि सिर्फ़ अपने देश में ही ऐसा नहीं होता... और जगहों पर भी होता है...! मगर सब हँसते-मुस्काते जुलूस निकाल रहे थे!.....फिर वहाँ से चल दिए!

Town Square, Amsterdam



Dam Square, Amsterdam (टाउन स्क्वेर, एम्सटर्डम) में निकलने वाला एक जुलूस (Photo: Anita Lalit)




      इसके बाद हम एक बहुत ही खूबसूरत जगह पहुँचे! वो थी मदुरोडम (Madurodam, The Hague, Netherlands)  ! ये एक मिनियेचर पार्क (Miniature Park) है! योरोप की प्रसिद्ध इमारतों, एअरपोर्ट ट्यूलिप गार्डेन्स वग़ैरह... कई सारी जगहों के छोटे मॉडेलनुमा (Models) तरीक़े से बनाकर एक बहुत बड़ा व सुंदर पार्क बनाया हुआ है! यहाँ आकर ऐसा लगा..जैसे हम बचपन में लौट आए हैं... हम इमारतों से भी बड़े...और सारी चीज़ें नन्ही-मुन्नी! बिल्कुल 'गुलिवर' (Gulliver) की तरह!

एक / ढेढ़ घंटे वहाँ बिताकर हम सब वापस अपने होटेल की तरफ चल दिए! 


Entrance of Madurodam, The Hague, Netherlands (Photo: Anita Lalit)



Madurodam (the miniature park), The Hague, Netherlands (Photo: Anita Lalit)










अगले दिन जर्मनी के लिए निकलना था!

                                                                                                                                                               क्रमशः