Saturday, 24 August 2019

तुम ही हो पतवार कान्हा !


जब-जब फैला है तमसतब-तब किया उजास
अपनों का जमघटमगरहो इक तुम ही पास
हो इक तुम ही पासन दूजा और सहारा
तुम ही हो पतवारबही जब आँसू-धारा
मन कलुषित की हारनयन में नेह लबाबब
धडकन बनी तरंगमगन कान्हा में दिल जब !!

चित्र:गूगल