1
मन-दीपक
भाव-अँजुरी लिये
अर्पण तुझे।
2
दो नन्हे दीप
बिटिया की आँखों के
देते हौसला।
3
जाड़े की धूप
नर्म -सा एहसास-
बेटियाँ ख़ास।
4
माँ तो लुटाती
आशीर्वाद-पोटली !
आँसू छिपाती।
5
चाँद झाँकता
झील में छिप कर
मुखड़ा देखे ।
6
सर्दी की धूप
छत पर यादों की
किताब खुली।
7
साँझ की गली
सूरज ने छिड़की
रोली-रंगोली।
8
यादें सीपियाँ
गहराई में पैठीं
खुलें तो मोती।
9
दिल का दर्द
जब दिल में रहे
नासूर बने।
10
टूटे सपने
पलकों पर सजें
आँखों में चुभें।
~अनिता ललित