चाँद का नूर,
सितारे आँखों में लिए;
चन्दन की सुगंध,
बाँसुरी की धुन लिए;
तितली के रंग,
फूलों की हँसी लिए;
बूँदों की रुनझुन,
बोली में खनक लिए;
मेरे अँगना में उतरी
एक नन्ही परी।
मेरी गोदी में खेली ,
मेरी बाँहों में झूली,
मेरी पलकों पर, बनकर
वो सपना पली।
धरती-आकाश में,
नित नए रंग खिले,
समय ने पग भरे,
सपने को पँख लगे,
मेरी परी!
तू अब शहज़ादी हुई !
मेरा जिस्म, मेरी जान!
मेरी रूह की पहचान !
मेरी बिटिया तू है,
मेरा मान-अभिमान !
तेरे आने से मेरा
जीवन महका।
माँ कहकर मुझे
तूने पूर्ण किया।
तेरे जन्मदिन पर दूँ,
तुझे तोहफ़ा मैं क्या ?
तू है मेरा ही अंश,
मेरा सबकुछ तेरा।
तेरी राहों के काँटे बुहार दूँ मैं,
तुझे फूलों की महकी बहार मिले !
तेरे सपने, तेरे अरमान सभी
हो जाएँ पूरे, दुआएँ मेरी यही।
तेरे जीवन में सुख-समृद्धि रहे,
दिल में शान्ति, संतुष्टि का वास रहे।
तेरे सिर पर सदा रहे
ईश्वर का हाथ,
और जीवन में
उसका नूर बहे !!!