किस क़दर सूना हो जाता होगा
उस चिड़िया का आशियाना …
उड़ जाते होंगे जब
उसके नन्हें-नन्हें बच्चे ,
अपने छोटे-छोटे पंख पसारकर ,
किसी नई दुनिया की ओर,
अपनी नई पहचान बनाने।
शायद तभी …
बुनती है वह, एक बार फिर,
एक नया नीड़ !
और नहीं लौटती
उस घर में अपने …
कि गूँजती रहती हैं उसमें,
यादों की मासूम किलकारियाँ …
रीता हो जाने के बाद … और भी ज़्यादा …
बेपनाह, बेहिसाब …
दिल को चीरती हुई।
और चलता रहता है ...
यही क्रम सिलसिलेवार।
बनना, बिगड़ना, टूटना, फिर बनना …
कि थकती नहीं वह !
टूटती नहीं वह !
सहते-सहते यह दर्द !
काश! सीख पाते हम इंसाँ भी !
इस दर्द के इक क़तरे को भी,
दिल में उतारने का हुनर ।
सहते-सहते पीने,...
पीते-पीते गुनगुनाने का फ़न !
उस चिड़िया का आशियाना …
उड़ जाते होंगे जब
उसके नन्हें-नन्हें बच्चे ,
अपने छोटे-छोटे पंख पसारकर ,
किसी नई दुनिया की ओर,
अपनी नई पहचान बनाने।
शायद तभी …
बुनती है वह, एक बार फिर,
एक नया नीड़ !
और नहीं लौटती
उस घर में अपने …
कि गूँजती रहती हैं उसमें,
यादों की मासूम किलकारियाँ …
रीता हो जाने के बाद … और भी ज़्यादा …
बेपनाह, बेहिसाब …
दिल को चीरती हुई।
और चलता रहता है ...
यही क्रम सिलसिलेवार।
बनना, बिगड़ना, टूटना, फिर बनना …
कि थकती नहीं वह !
टूटती नहीं वह !
सहते-सहते यह दर्द !
काश! सीख पाते हम इंसाँ भी !
इस दर्द के इक क़तरे को भी,
दिल में उतारने का हुनर ।
सहते-सहते पीने,...
पीते-पीते गुनगुनाने का फ़न !