Friday, 24 May 2013

**~मैं करूँ तो क्या ? ~ क्षणिकाएँ **




१.

अनजाने में ही सही....
तुमने ही खड़े किए बाँध... अना के....
वरना..... मेरी फ़ितरत तो पानी -सी थी....!

२.

हाथ उठाकर दुआओं में...
तेरी खुशियाँ माँगी थी मैनें...
नहीं जानती थी....
मेरे हाथों की लक़ीरों से ही निकल जाएगा तू...!

३.

तुमसे जुदा हुई....
तो कुछ मर गया था मुझमें...
जो मर गया था....
उसमें ज़िंदा तुम आज भी हो.....!

४.

ए खुदा मेरे ! मैं करूँ तो क्या ?
ग़मज़दा हूँ मैं... ना-शुक़्र नहीं...
एक हाथ में काँच सी नेमतें तेरी...
दूजे में पत्थर दुनिया के.....
दुनिया को उसका अक़्स दिखा...
या मुझको ही कर दे पत्थर....!

36 comments:

  1. जो मर गया था....
    उसमें ज़िंदा तुम आज भी हो.....!
    आह .! मन को छूते भाव ....

    सभी एक से बढ़कर एक क्षणिकाएँ
    आभार

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  2. वाह....
    लाजवाब क्षणिकाएं...
    तीसरी तो दिल को चीर गयी....
    सस्नेह
    अनु

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  3. kamaal likha hai...so touchy!

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  4. हर क्षणिका गजब की ......अना की दीवार हो या फिर हाथ की लकीर या फिर ज़िंदा होने का खयाल .... बहुत खूब ...

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  5. बहुत गहरीं , पहली तीन लाजबाब लगीं.

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  6. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(25-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  7. गहरीं क्षणिकाएँ बहुत खूब

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  8. तुमसे जुदा हुई....
    तो कुछ मर गया था मुझमें...
    जो मर गया था....
    उसमें ज़िंदा तुम आज भी हो.....!

    बहुत ही गहन और मार्मिक अर्थ लिये हुये सशक्त रचना.

    रामराम.

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  9. आप सभी की सराहना व प्रोत्साहन का तहे दिल से धन्यवाद!:-)
    ~सादर!!!

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  10. वाह! वाह! अनीता (जी)...
    हर एक क्षणिका अपने आप में एक पूरी दास्ताँ समेटे हुए है ...कहने को शब्द नही ...
    बस अहसास करने को सब कुछ ....बहुत खूब .सुंदर.दर्द और ज़ज्बातों से भरपूर !
    पर फिर भी अपनी पसंद ज़रूर कहूँगा नम्बर ५ ने दिल ली बात बयाँ कर दी !
    सदा खुश और स्वस्थ रहें ........

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    1. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया अशोक सर!:-)
      बस... आप हमारे नाम के आगे जी मत लगाइए...-आप भूल गये शायद...:-)
      ~सादर!!!

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  11. तुमसे जुदा हुई....
    तो कुछ मर गया था मुझमें...
    जो मर गया था....
    उसमें ज़िंदा तुम आज भी हो.....!-------

    मन में बसे प्रेम की गजब की अनुभूति
    सुंदर क्षणिकायें
    बधाई

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  12. बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .मन को छू गयी .आभार . कुपोषण और आमिर खान -बाँट रहे अधूरा ज्ञान
    साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

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  13. waah satya ko shabdon me badi khoobsurti se ukera hai ....

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  14. आदरेया आपकी ये कलापूर्ण क्षणिकाएं निर्झर टाइम्स पर 'विधाओं की बहार...' में संकलित की गई है।
    कृपया http://nirjhar.times.blogspot.com पर अवलोकन करें।आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  15. अति सुन्दर क्षणिकाएं

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  16. बेहद सशक्त भाव कणिकाएं ...ॐ शान्ति .

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  17. बहुत सुंदर रचना
    बहुत सुंदर

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  18. दिल को छू गई सुप्रभात
    निःशब्द करती अभिव्यक्ति

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  19. मन को छू गयी यह भावनात्मक अभिव्यक्ति.

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  20. wah, bahut hee sundar! Badhai.

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  21. मन को छू के गुज़र जाते हैं सभी भावमय क्षणिकाएं ...
    उम्दा ...

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  22. ए खुदा मेरे ! मैं करूँ तो क्या ?
    ग़मज़दा हूँ मैं... ना-शुक़्र नहीं...
    एक हाथ में काँच सी नेमतें तेरी...
    दूजे में पत्थर दुनिया के.....
    दुनिया को उसका अक़्स दिखा...
    या मुझको ही कर दे पत्थर....!

    बहुत खूब लिखा है आपने...बधाई हो!
    सादर/सप्रेम
    सारिका मुकेश

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  23. बेहतरीन...
    दुनिया को उसका अक़्स दिखा...
    या मुझको ही कर दे पत्थर....!

    सभी क्षणिकाएँ बहुत भावपूर्ण, बधाई.

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  24. तुमसे जुदा हुई....
    तो कुछ मर गया था मुझमें...
    जो मर गया था....
    उसमें ज़िंदा तुम आज भी हो.....!

    क्या बात है!!!
    ढ़
    --
    थर्टीन ट्रैवल स्टोरीज़!!!

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  25. तुमसे जुदा हुई....
    तो कुछ मर गया था मुझमें...
    जो मर गया था....
    उसमें ज़िंदा तुम आज भी हो.....!

    क्या बात है!!!
    ढ़
    --
    थर्टीन ट्रैवल स्टोरीज़!!!

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  26. Anita Ma'am liked ur writings quite thoughtful...:):)

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  27. काव्यालय में मैनें आपकी पोस्ट क्षणिकाएँ देखी तो आपका ब्लाग देखने का मन हुआ। और ब्लाग देखकर समय का सदुपयोग हुआ ये आभास हुआ। मैनें बहुत दोस्तों के ब्लाग देखे हैं ज्यादातर लोगों के ब्लाग पर मन की अभिव्यक्ति न होकर अपने प्रचार के लिये हों ऐसा लगता है। आज आपका ब्लाग देखा तो बहुत अच्छा लगा एकदम अलग और जमीनी (down to earth) लगा मुझे।

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  28. Anita Aania ; बहुत सुंदर कव्य्गुच्छ. हर क्षणिका में कमाल का काम हुआ है. सराहनीय काव्य प्रकार. धन्यवाद-

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  29. kafi samy pashchat blog pe aya - aur har samy ki trha behtrin padhne ko mila

    Dhanywad

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  30. भावनात्मक अभिव्यक्ति.

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