प्यारी तितलियों, रंग बिरंगी तितलियों....
फूलों पर मंडराती हरदम,
तुम लगती बगिया में कितनी सुंदर...!:-)
पर आते ही पास स्कूल इम्तिहान ...
कर देती दिमाग़ का बेड़ा गर्क,
और पढ़ाई सारी...फुर्र-फुर्र....!
जब छोड़ के अपना दिलकश गुलशन...
अपनी सखियों संग झुंड बनाकर....
कर देतीं तुम... हमला हम सब पर..
फिरकी बनकर .... और फुदक-फुदक कर...
~बच्चे तो बच्चे...मम्मियों के भी पेटों के अंदर.....~ :(((
हो मुबारक़,
जन्मदिन तुझको..
मेरी बिटिया!
मैं जाऊँ वारी वारी,
लूँ तेरी बलैइयाँ !
तू मेरा मान,
है मेरा अभिमान,
प्यारी बिटिया !
जन्मदिन है तेरा..
खुशियों की सौगात !
मेरे अँगना
तितली सी चंचल..
तेरी बतियाँ...
चहकें हरदम...
भरमाये हैं मन !
मेरे ईश्वर!
मेरी बिटिया को दे,
ये आशीर्वाद...
सुख , समृद्धि, शांति...
उसके मन बसे!
हों पूरे सारे,
अरमान उसके,
जीवन खिले !
स्वप्न सारे उसके...
मुस्कानों में महकें!
खिलती जाए,
वो महकती जाए..
गुलाबों जैसे !
उसके अस्तित्व में...
छलके नूर तेरा !