सिर्फ़ एक लाल लकीर नही ये....
मेरे चेहरे पर खिलती रौनक, एक पाक दमक...
जो देती मेरे चेहरे को खूबसूरत सी एक चमक...,
मेरे व्यक्तित्व की गरिमा.., माथे का गुरूर...,
मेरी हस्ती को करती मुक़म्मल है ये...!
सिर्फ़ एक लाल लकीर नहीं है ये....
आसमान में उगते सूरज की..
धरा को सजाती एक किरण जैसे..
ईश्वर का हो वरदान मुझे....
मेरे चेहरे की सिंदूरी आभा है ये...!
सिर्फ़ एक लाल लकीर नहीं ये....
समेटे खुद में मेरे अपनों के अरमान कई...
मेरे सूने वीरान से चेहरे को...
खिलाती, महकाती...,
आँखों में सपनों के रंग भरती ...,
दिल को अजब सा सुक़ून...,
ज़िंदगी को जीने की अदा देती है ये ...!
सिर्फ़ एक लाल लकीर नहीं ये....
प्यारे वादों के साथ...तेरे हाथों से सजाई....,
मेरी "माँग" में.....
"सिंदूर" की "पावन रेखा" है ये.....!!!
सिंदूर के गहन महत्त्व को कहती प्यारी रचना
ReplyDeleteशुक्रिया... संगीता दीदी ! आपका आशीर्वाद चाहिए बस !:)
Delete~सादर !!!
सिर्फ़ एक लाल लकीर नहीं है ये....
ReplyDeleteआसमान में उगते सूरज की..
धरा को सजाती एक किरण जैसे..
ईश्वर का हो वरदान मुझे....
मेरे चेहरे की सिंदूरी आभा है ये...!
बहुत ही अनुपम भावों से संयोजित किया है आपने इस अभिव्यक्ति को
हार्दिक धन्यवाद... सदा जी !:)
Delete~सादर !!!
शुक्रिया... यशोदा जी !:)
ReplyDelete~सादर !!!
जीवन के मधुर राग की सुन्दर व्यंजना भी तो है ये !
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा... प्रतिभा जी आपने !:)
Deleteधन्यवाद !
~सादर!!!
यह लाल लकीर जीवन का अनुराग है , मन की चहकती भोर है और कल -कल छल करती आपकी प्यार भरी गृहस्थी की सुरसरिता का संगीत है । अखण्ड सौभाग्यवती रहो बह ! मेरा आशीष ! पुन: आपकी इन पंक्तियों ने मन का हर कोना छू लिया-
ReplyDeleteसिर्फ़ एक लाल लकीर नहीं ये....
प्यारे वादों के साथ...तेरे हाथों से सजाई....,
मेरी "माँग" में.....
"सिंदूर" की "पावन रेखा" है ये.....!!!
भाई साहब... आपके स्नेह के आगे हम नतमस्तक हैं... :)
Delete~सादर!!!
बहुत शानदार रचना आपको बहुत बधाई
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद... मदन मोहन जी !:)
Delete~सादर !!!
आजकल इसे दासता का प्रतीक कहने का चलन बढ़ा है। देखने का अपना-अपना ढंग है।
ReplyDeleteसिंदूर का रंग एकदम लाल नहीं होता-खासकर विवाह के समय मांग भरने के लिए प्रयुक्त सिंदूर का। यह रंग लाल से इतना भिन्न है कि बोलचाल में,स्वयं एक पृथक् रंग के रूप में प्रयुक्त होता है- सिंदूरी रंग। यह रंग बालों की सफेदी के बाद का वास्तविक रंग होता है। विवाह में, इस रंग के सिंदूर का प्रयोग इस कामना से किया जाता है कि दोनों का साथ उस उम्र तक बना रहे जब बाल सिंदूरी रंग-से हो जाते हैं।
Kumar Radharaman ji... अपने बिल्कुल सही कहा.....अपना-अपना देखने का ढंग है !:)
Delete~धन्यवाद !
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसिन्दूर के ऊपर ऐसी सुन्दर पंक्तियाँ पहले कभी पढ़ी भी नहीं ..
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति।
सादर
मधुरेश
सिर्फ़ एक लाल लकीर नहीं ये....
ReplyDeleteप्यारे वादों के साथ...तेरे हाथों से सजाई....,
मेरी "माँग" में.....
"सिंदूर" की "पावन रेखा" है ये
IT SAYS OUR CULTURE AND TRADITION SO NICE
जी सर !:)
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद आपका !
~सादर!!!
बहुत प्यारी अभिव्यक्ति
ReplyDeleteधन्यवाद... Onkar ji !:)
Delete~सादर!!!
Ek Behtareen Rachna ... Bahut Achchi, samsamyik aur sarthak lagi.
ReplyDeleteधन्यवाद.... Neeraj Dwivedi ji !:)
Delete~सादर!!!
सिर्फ़ एक लाल लकीर नहीं है ये....
ReplyDeleteआसमान में उगते सूरज की..
धरा को सजाती एक किरण जैसे..
ईश्वर का हो वरदान मुझे....
मेरे चेहरे की सिंदूरी आभा है ये...!
सिन्दूर की इस लकीर को सरल रेखा को कई मोड़ कई आयाम देती हुई पोस्ट .स्टीफन हाकिंग की स्ट्रिंग थियरी याद आ गई .चंद डोरियों का संयोजन ही सारे बलों का उद्गम बना हुआ है ,पूरी कायनात की सृष्टि इन्हीं बलों से हुई है .औरत मर्द भी एक जैविक तंत्र हैं परस्पर गुम्फित
सधे हुए ,बूझने वाला चाहिए .बढ़िया चमकदार पोस्ट सात्विक आंच से दांपत्य की .
हार्दिक धन्यवाद Virendra Kumar Sharma ji !:)
Delete~सादर !!!
SHAANDAAR...
ReplyDeleteSINDOOR... DAMPATYA JEEVAN KA SUTRA DHAAR:)
शुक्रिया.... Mukesh Kumar Sinha ji !:)
Delete~सादर !!!
पत्नी के सिन्दूर में पति को भी अपने होने का एहसास बहुत सुखद अनुभूति देता है |
ReplyDeleteजी बिल्कुल.... Amit Srivastava ji!:) आभार..
Delete~सादर !!!
खूबसूरत अहसास
ReplyDeleteशुक्रिया... Anju ji !:)
Delete~सादर!!!
बहुत ही सुन्दर ,प्यारी रचना..
ReplyDelete:-)
धन्यवाद.... Reena Maurya ji !:)
Delete~सादर !!!
बहुत सुन्दर ...नीतू ....:)
ReplyDeleteशुक्रिया भाभी !:)
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआपकी लेखनी भी कमाल की है। शायद इसी लिए इतने सारे लोगों की तवज्जोह को अपनी और आकर्षित करती है। मैंने आज मोहब्बत नामा पर आपका कमेन्ट देखा वही मुझे आपके ब्लॉग तक खिंच लाया।आपकी लेखन शैली से मै काफी आकर्षित हुआ। यक़ीनन आपको तो इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड का सदस्य होना चाहिए। मैंने इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड ब्लोगर्स ग्रुप आप जैसे ही ब्लोगर्स के लिए बनाया था। आपका इससे जुड़ना यहाँ के भारतीय ब्लोगर्स के लिए सम्मान है।
ReplyDeleteइंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
बहुत-बहुत शुक्रिया आमिर !:)
Delete~God Bless !!!
भारतीय संस्कृति और ज़ज्बात को ,हृदय के अंतर तम भाव को ,ब्याहता के श्रृंगार को , अन्दर के सात्विक
ReplyDeleteउन्माद को अभिव्यक्त करती है ,ख़ुशी को रूपायित सुहाग की यह लकीर .
बधाई इस अप्रतिम ज़ज्बाती रचना के लिए प्यार की धरोहर के लिए ,जीवन की ख़ुशी और आह्लाद के लिए .
आपकी शुभकामनाओं का हार्दिक धन्यवाद सर !:)
Delete~सादर
वाह !बहुत खूबसूरत
ReplyDeleteलाजवाब रचना ।
हार्दिक धन्यवाद.... राजपूत जी !:)
Delete~सादर!!!
बहुत सुंदर अनीता जी ...जज्बात से सरोबर
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया... सुमन जी !:)
Deleteआस्था से भरपूर ....पावन सुंदर एहसास ...बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति ....!!बधाई अनीता जी ....!!
ReplyDeleteआपका हार्दिक धन्यवाद.... अनुपमा जी !:)
Delete~सादर !!!
सच है ... ये उम्र भर का वादा है प्यार का ... ये लाल लकीर नहीं ... लाजवाब ...
ReplyDelete