हृदय से निकले शब्द -साधुवाद-
तन्हाई ओढ़े!सुलगते जो ख़्वाब,सभी हो जातेख़ामोश, धुआँ-धुआँभीगता वो आँगन!------वाह !!!बहुत सुंदर रचनाबधाई ------आग्रह है--आशाओं की डिभरी ----------
सुन्दर ..!!!
बहुत ही सुन्दर......अनु
बहुत सुन्दर रचना..
सुलगते ख्वाबों की दिखती धुआं दिल की ये ज्वाला है,तन्हाई ओढ़े आज आया ये कैसा उदासी का उजाला है ???शुभकामनायें! खुश रहें!
अरमान जलते हैं जब ... उदासी छाने लगती है ...
बहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति.रामराम.
बहुत सुंदर !!
आँसू में डूबे अरमान जलतेऔर फैलता उदासी का उजालातन्हाई ओढ़े!....वाह! बहुत सुन्दर...
HEART TOUCHING LINES WITH GREAT EMOTIONS
सराहना तथा प्रोत्साहन के लिए आप सभी का दिल आभार...~सादर
भीगता वो आँगन!......बूँद-बूँद में कितनी ताकत है और कितना सौंदर्य है .....ये आपकी कलम से पता चलता है....
सुलगते जो ख़्वाब,सभी हो जातेख़ामोश, धुआँ-धुआँभीगता वो आँगन!भावमय करते शब्दों का संगम ... यह अभिव्यक्ति
bahut khuubsurat bhaavabhivykti.
बहुत भावपूर्ण रचना ...बधाई !!
मन घुटता है धुंआ उठता है शब्द पिघल कर बह जाते हैं ।
हृदय से निकले शब्द -
ReplyDeleteसाधुवाद-
तन्हाई ओढ़े!
ReplyDeleteसुलगते जो ख़्वाब,
सभी हो जाते
ख़ामोश, धुआँ-धुआँ
भीगता वो आँगन!------
वाह !!!
बहुत सुंदर रचना
बधाई ------
आग्रह है--
आशाओं की डिभरी ----------
सुन्दर ..!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर......
ReplyDeleteअनु
बहुत सुन्दर रचना..
ReplyDeleteसुलगते ख्वाबों की दिखती धुआं
ReplyDeleteदिल की ये ज्वाला है,
तन्हाई ओढ़े आज आया ये कैसा
उदासी का उजाला है ???
शुभकामनायें! खुश रहें!
अरमान जलते हैं जब ... उदासी छाने लगती है ...
ReplyDeleteबहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत सुंदर !!
ReplyDeleteआँसू में डूबे
ReplyDeleteअरमान जलते
और फैलता
उदासी का उजाला
तन्हाई ओढ़े!
....वाह! बहुत सुन्दर...
HEART TOUCHING LINES WITH GREAT EMOTIONS
ReplyDeleteसराहना तथा प्रोत्साहन के लिए आप सभी का दिल आभार...
ReplyDelete~सादर
भीगता वो आँगन!......बूँद-बूँद में कितनी ताकत है और कितना सौंदर्य है .....ये आपकी कलम से पता चलता है....
ReplyDeleteसुलगते जो ख़्वाब,
ReplyDeleteसभी हो जाते
ख़ामोश, धुआँ-धुआँ
भीगता वो आँगन!
भावमय करते शब्दों का संगम ... यह अभिव्यक्ति
bahut khuubsurat bhaavabhivykti.
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना ...बधाई !!
ReplyDeleteमन घुटता है
ReplyDeleteधुंआ उठता है
शब्द पिघल कर
बह जाते हैं ।