~** हाइकु ~धूप कहाँ हो तुम ...??? **~
शीत ऋतु में
बारिश की बौछारें..
चुभें शूल सी...!
सूर्य देवता
बादलों की ओट में
क्यूँ छिपे तुम... ?
सर्द लहर,
ठिठुरती है काया..
धूप कहाँ हो ?
मेघ गर्जना
सर्द सोए दिन में
ज़रा ना भाए...!
5. दिन सिहरा
बादलों की चादर
छिड़कें बूँदें...!
सुन्दर हाइकू |
ReplyDeleteशुभकामनायें ||
सभी हाइकू बहुत धारदार हैं!
ReplyDeleteमौसम की विपरीतता को बखूबी बयान किया है, बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
मेरी टिप्पणी कहाँ गयी ? :(:(
ReplyDeleteसर्द मौसम
ReplyDeleteफरवरी माह
ठिठुरे तन .... सभी हाइकु सुंदर
बहुत बढ़िया...
ReplyDeleteभीगे भीगे हायकू....
सस्नेह
अनु
धूप की खोज बड़ी प्यारी है ...
ReplyDeleteBahut sundar...
ReplyDeletehttp://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post.html
वाह ... बेहतरीन हाइकू
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन हाइकु
ReplyDeleteशानदार...
:-)
सराहना व प्रोत्साहन के लिए आप सभी गुणी जनों का हार्दिक आभार!:-)
ReplyDelete~सादर!!!
वातावरण प्रधान हाइकु भावजगत को शब्द चित्र में पिरोते हुए .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
ReplyDeletebadalte mousam ki sundar abhivyakti..
ReplyDeleteबढ़िया भीगे भीगे हायकू /////
ReplyDeleteदिन सिहरा
ReplyDeleteबादलों की चादर
छिड़कें बूँदें...!
बेहतरीन हाइकू.