http://hindihaiku.wordpress.com/2012/12/04/%E0%A4%B6%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%A6-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A4%B2%E0%A4%BF-2/
४ दिसम्बर , डॉ सत्यभूषण वर्मा जी के जन्मदिन पर 'हाईकु दिवस' के विशेष आयोजन के लिए डॉ हरदीप संधु जी व श्री रामेश्वर कम्बोज 'हिमांशु'जी भाईसाहब का हार्दिक आभार व धन्यवाद और बहुत बहुत बधाई ! इससे जुड़े सभी रचनाकारों को मेरा नमन व हार्दिक शुभकामनाएँ !
इस आयोजन में सम्मिलित, मेरे लिखे हाईकु ~
माँ तेरा प्यार
जीवन की धूप में..
दे छाँव मुझे !
दुख की ओस,
पाये आस किरण
चमके सुख !
है अभिमान
पतन इंसान का
रहो विनम्र !
नारी है नदी,
समा लेती, दिखाती
सबका अक़्स !
रिश्तों के पेड़
खिलेंगें, महकेंगे
सींचो नेह से !
नारी है नदी,
ReplyDeleteसमा लेती, दिखाती
सबका अक़्स !
रिश्तों के पेड़
खिलेंगें, महकेंगे
सींचो नेह से !
खुबसूरत भावों से सजी रचना जहाँ नारी की गरिमा का सुन्दर चित्रण
बहुत सुंदर हाइकु ...
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद दीदी !:)
Delete~सादर !!!
है अभिमान
ReplyDeleteपतन इंसान का
रहो विनम्र !
नारी है नदी,
समा लेती, दिखाती
सबका अक़्स !
अनीता जी हाइकू बेहद प्यारे और सार्थक हैं। :)
मेरी नई कविता आपके इंतज़ार में है: नम मौसम, भीगी जमीं ..
बहुत बहुत शुक्रिया Rohitas ghorela ji!:)
Deleteजल्द ही आएँगे आपकी पोस्ट पर ! तबीयत कुछ नासाज़ है, इसलिए ठीक से कहीं दिमाग़ टिक नहीं पा रहा !:(
नारी है नदी,
ReplyDeleteसमा लेती, दिखाती
सबका अक़्स !
रिश्तों के पेड़
खिलेंगें, महकेंगे
सींचो नेह से !
वाह ... बहुत ही बढिया।
बहुत बहुत धन्यवाद सदा जी !:)
Deleteअर्थपूर्ण ....गहन सुंदर हाइकु ...
ReplyDeleteशुभकामनायें ....
हार्दिक धन्यवाद... अनुपमा जी !:)
Deleteप्रोत्साहन देने का बहुत बहुत आभार !
~सादर !!!
गहरा अर्थ लिए ... लाजवाब हाइकू ...
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद... दिगम्बर जी !:)
Delete~सादर !!!