Tuesday 3 March 2015

~** मेरे प्रथम हाइकु-संग्रह 'चाँदनी की सीपियाँ' का लोकार्पण **~

21 फ़रवरी 2015 -एक यादगार दिन! विश्व पुस्तक मेले, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में मेरे पहले हाइकु-संग्रह 'चाँदनी की सीपियाँ' का लोकार्पण हुआ। साथ ही आदरणीया डॉ सुधा गुप्ता जी एवं डॉ उर्मिला अग्रवाल जी के ताँका-संग्रह क्रमशः 'तलाश जारी रहे' व 'सच के रिगिस्तान' और डॉ ज्योत्स्ना शर्मा जी के प्रथम हाइकु-संग्रह 'ओस नहाई भोर' का भी लोकार्पण हुआ। 
इस अवसर पर उपस्थित -आदरणीय डॉ  गिरिराजशरण (सम्पादक 'शोध दिशा' पत्रिका), आदरणीया सुदर्शन रत्नाकर, आदरणीय रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', श्रीमती वीरबाला काम्बोज, सुशीला शिवराण जी, अनुपमा त्रिपाठी जी, जेन्नी शबनम जी, सीमा स्मृति जी, सीमा दरबारी मोहन, आदरणीया पुष्पा मेहरा श्री मधुदीप, श्री भूपाल सूद (प्रकाशक) एवं श्रीमती चंद्रप्रभा सूद जी ने अपने आशीर्वाद तथा शुभकामनाओं से मेरे जीवन के इस सुनहरे व अनमोल पल को और भी ख़ूबसूरत और सहेजने योग्य बना दिया ! इसके अतिरिक्त कुछ वरिष्ठ साहित्यकारों से भी मुलाक़ात हुई, जैसे श्री पंकज सुबीर जी एवं श्री नीरज गोस्वामी जी 
आभारी हूँ मैं आप सभी की !
इस अवसर पर लिए गए कुछ चित्र -





आदरणीया सुदर्शन रत्नाकर जी-'चाँदनी की सीपियाँ' का लोकार्पण करते हुए 

चाँदनी की सीपियाँ का लोकार्पण 

आदरणीय रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी, सीमा स्मृति जी, अनुपमा त्रिपाठी जी, जेन्नी शबनम जी, आदरणीया सुदर्शन रत्नाकर जी, सुशीला शिवराण जी, अनिता ललित, भूपाल सूद जी 

सीमा स्मृति जी, अनुपमा त्रिपाठी जी, जेन्नी शबनम जी, आदरणीया सुदर्शन रत्नाकर जी, सुशीला शिवराण जी, अनिता ललित, सीमा दरबारी मोहन, मधुदीप जी भूपाल सूद जी,  श्रीमती चंद्रप्रभा सूद जी 

 आदरणीया पुष्पा मेहरा जी फूलों के गुलदस्ते के साथ पधारीं और अपने स्नेह से मेरा मन भिगो दिया 

पीछे-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी, भूपाल सूद जी, सामने-सुशीला शिवराण जी, वीरबाला काम्बोज जी, चंद्रप्रभा सूद जी, सुदर्शन रत्नाकर जी, अनिता ललित, सीमा स्मृति जी, जेन्नी शबनम जी, अनुपमा त्रिपाठी जी 
डॉ गिरिराजशरण अग्रवाल जी का स्वागत 
श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी, श्री पंकज सुबीर जी, मैं, श्रीमती वीरबाला काम्बोज जी 

सुशीला शिवराण जी, वीरबाला काम्बोज जी, रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी, चंद्रप्रभा सूद जी, सुदर्शन रत्नाकर जी, अनिता ललित, कुमार ललित जी, जेन्नी शबनम जी, अनुपमा त्रिपाठी जी







 श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी, श्री नीरज गोस्वामी जी, मैं तथा श्रीमती वीरबाला काम्बोज जी 









5 comments:

  1. पुनः आप को ढेर सारी बधाई !!हृदय से आभार आपको व हिमांशु भैया जी को भी !!सभी से मिलकर बड़ी प्रसन्नता हुई !!

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  2. बहुत खूबसूरत यादगार दिन ! चमकते चेहरों की खुशी ने दिन सुहाना कर दिया ! रामेश्वर काम्बोज

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  3. दिल से मुबारक और ढेर सारी शुभकामनायें बहना को .......

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  4. खूब-खूब सारी बधाई ..शुभ कामनाएँ !
    ऐसे सुन्दर अवसर बार-बार आएँ !!

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  5. ढेरों बधाई पुस्तक लोकार्पण की ...

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