Monday 27 August 2012
~* भीगा रिश्ता...जलते जल में...*~
आँखों से बहता है जब जल... भीगे आँखें, सुलगे मन ,
जैसे सुलगे गीली लकड़ी.. होती धुआँ-धुआँ.. दिन रैन !
किस क़दर जलता है जल...ये निर्झर बहता जल ही जाने...,
झरता है जब झर झर अंतस...जलता जाता है ये जीवन..!
नदिया के दो छोर बने हम...संग चलें...पर मिल न पाएँ...!
हम दोनों के बीच खड़ा पुल.....आधा जल में...आधा जलता..,
न सजल को आँच मिले.....न जलते की ही प्यास बुझे...!
क्यूँ भीगे हम झरते जल में...जला जला के अपना रिश्ता....
याद रहे क्यूँ छोर नदी के... क्यूँ याद नहीं गहराई उसकी...?
दूर चाँद नदिया से जितना ... उतना उसके भीतर पैठा...
दो छोरों का भीगा रिश्ता....जल में जलते चाँद सा बैठा...!
Sunday 19 August 2012
** ईद मुबारक़ **
शरमाया सा, अलसाया सा...
देखो कैसे इठलाया है...!
बादल संग लुका-छिपी खेले..
कैसे मंद-मंद मुस्काया है...!
देखो 'ईद का चाँद' दोस्तों...
संग अपने कितनी खुशियाँ लाया है...!
आज की रात का इंतज़ार...
कितनी मुबारक़ सौगातें लाया है...!!!
"सभी दोस्तों को ईद बहुत बहुत मुबारक हो...!!!"
Friday 17 August 2012
** ज़िंदा हूँ ...नब्ज़ चल रही है...**
ज़िंदा हूँ ...नब्ज़ चल रही है..!
होंठ आदतन मुस्कुराते हैं...
फिर अचानक सिमट आते हैं...!
अनचाही उदासी की लहर उठ रही है...!
एहसासों की नमी से पलकें हैं.. भीगी भीगी..,
आँखों की चमक भी.. कुछ रूठी सी, बुझी बुझी...!
रूह ने भी तोड़ दिया रिश्ता.... तंग आकर....!
बेमानी ये समझौता... क्योंकर ?
ये घाटे का सौदा .. मंज़ूर नहीं..!
चलते तो हैं दोनों... संग संग.....
मगर हाथ पकड़ना... गवारा नहीं...!!!
Thursday 9 August 2012
** मेरे कान्हा, मेरे केशू...**
मेरा कान्हा, मेरा केशू...
मैया का दुलारा, इस जग का सहारा !
भाए मुझे तेरा रूप सलोना,
नटखट गोपाला.. तू ही खेवनहारा..!
तेरे हाथों की बंसी.. जीवन नैया मेरी,
तेरी बंसी की धुन.. पतवार मेरी !
हर सुख मेरा.. वरदान है तेरा,
हर दुख में छिपी.. कोई लीला तेरी !
मैं ठहरी नादान.. इस जग से अंजान..!
चलूं छाया में तेरी.. लेकर तेरा ही एक नाम !
तेरी प्यारी सी छवि.. आँखों में सजाए..,
दिल में आस्था का.. अखंड दीपक जलाए,
कर्म डगर पर चली जा रही हूँ...
मुक्ति की अमिट आस दिल बसाए ...!
तुझपे वारी मैं जाऊँ...लूँ तेरी बलैइयाँ.....!!!
Sunday 5 August 2012
~"दोस्ती शफ्फ़ाक़"~कुछ हाइकु ~मित्रता दिवस की शुभकामनाएँ!~
दोस्ती है प्यार,
कोमल एहसास,
दोस्ती शफ्फाक़!
दोस्ती आकाश,
इंद्रधनुषी रंग,
खिले अंतस..!
दोस्ती है नाम,
प्रेम विश्वास संग...
रिश्ता आजन्म!
अधूरे सदा,
एक दूजे के बिन..
दोस्तों के दिन!
ए दोस्त मेरे!
क़ुर्बान तुझ पर..
जान-ओ-जहाँ..!
प्यार अनूठा,
सदियों से क़ायम...
दोस्ती का रिश्ता !
दुश्मनी खार,
दोस्ती की हो फुहार..
खिले बहार..!
दोस्ती झंकार,
धड़कानों के तार...
गाएँ मल्हार..!
प्यारा उजास,
उमंग उल्लास ही...
दोस्ती का वास!
दिल में भरा,
जज़्बा-ए-दोस्ती गर..
बसे ईश्वर !
Subscribe to:
Posts (Atom)