Wednesday, 28 November 2012

~** प्यार का कैसा अनोखा रंग....**~



प्यार का कैसा अनोखा रंग...
इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
कहीं दिखता है पर होता नहीं...
कहीं होता है पर दिखता नहीं..!

सात सुरों की झंकार प्यार...
इकतारे की धुन में बेखुद प्यार !

उगते सूरज की उमंग प्यार...
चंदा एकाकी.. उदास प्यार !

चटख लाली में खिलता प्यार...
बदरंग हो कभी छिटकता प्यार !

चेहरे पे दमकता नूर प्यार...
झुर्रियों में खोई कहानी प्यार !

फूलों में महकता नाज़ुक प्यार...
काँटों में ज़ख़्मी सिसकता प्यार !

गौहर -ए-शबनम सा हसीन प्यार...
क़तरा-ए-अश्क़ में लहुलुहान प्यार !

मासूम सी ज़िद में मचलता प्यार...
अहं में मुर्दा अकड़ता प्यार !

जज़्बा-ए-दोस्ती में निखरता प्यार...
एहसास-ए-दुश्मनी में बिखरता प्यार !

ख्वाबों में शहज़ादा प्यार ही प्यार...
हक़ीक़त का बेबस गुलाम प्यार !

प्यार का कैसा अनोखा रंग...
इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
कहीं दिखता है पर होता नहीं...
कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!

34 comments:

  1. कैसे-कैसे रंग और एक-से-एक ढंग !

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    1. हार्दिक धन्यवाद.... प्रतिभा जी !:)
      ~सादर !!!

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  2. गौहर -ए-शबनम सा हसीन प्यार...
    क़तरा-ए-अश्क़ में लहुलुहान प्यार !
    बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .बधाई देर से ही सही प्रशासन जागा :बधाई हो बार एसोसिएशन कैराना .जिंदगी की हैसियत मौत की दासी की है

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  3. प्यार का कैसा अनोखा रंग...
    इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
    कहीं दिखता है पर होता नहीं...
    कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
    Posted by Anita at 21:44 3 comment

    प्यार का कैसा अनोखा रंग...
    इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
    कहीं दिखता है पर होता नहीं...
    कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
    Posted by Anita at 21:44 3 comment

    किशोर मन का सम्मोहन ,

    वायदों का हसीं ताजमहल ,

    कहो न ! प्यार है ,

    बे -सबब इकरार है .

    उमंग और ताल है ,
    रस की फुहार है .,जीवन धार है .

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    1. हार्दिक धन्यवाद.... Virendra Kumar Sharma ji !:)
      ~सादर !!!

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  4. प्यार प्यार.....
    चेहरे पे दमकता नूर प्यार...
    झुर्रियों में खोई कहानी प्यार !

    फूलों में महकता नाज़ुक प्यार...
    काँटों में ज़ख़्मी सिसकता प्यार !
    बहुत सुन्दर अनिता.....
    हर लफ्ज़ से झलका प्यार...
    सस्नेह
    अनु

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  5. प्यार प्यार प्यार......
    कितने रंग...कितनी किस्में....
    बहुत बहुत सुन्दर अनिता...

    सस्नेह
    अनु

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    1. शुक्रिया अनु ! :)
      ढेर सारा स्नेह !

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  6. पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ ... प्यार के रंगों कि अनोखी छटा बिखेर डी आपकी रचना ने तो ..बहुत खूब!

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    1. शुक्रिया शालिनी जी...! मेरे ब्लॉग में आपका हार्दिक स्वागत है ! :-)

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  7. sundar chhata bikheri hai aapne pyar ke rango ki...

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  8. कहीं दिखता है पर होता नहीं...
    कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!

    इस न दिखने की बधाई ....:))

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    1. आपकी शुभकामनाओं का तहे दिल से धन्यवाद हरक़ीरत हीर जी! :)
      ~सादर !!!

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  9. बहुत सुंदर ......बहुत अच्छा लिखतीं रहिये ...लाजवाब

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद .... ajay yadav ji !:)

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  10. कहीं दिखता है पर होता नहीं...
    कहीं होता है पर दिखता नहीं..!
    ...बहुत सुन्दर ..:)

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  11. कहीं दिखता है पर होता नहीं...
    कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
    क्‍या बात है !! बेहतरीन

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  12. जज़्बा-ए-दोस्ती में निखरता प्यार...
    एहसास-ए-दुश्मनी में बिखरता प्यार !

    सौ आना सच्ची बात हैं .... बेहतरीन

    मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/11/3.html

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  13. प्यार के भिन्न भिन्न रूप .... बस होना चाहिए ॥दिखे या न दिखे ...

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  14. चेहरे पे दमकता नूर प्यार...
    झुर्रियों में खोई कहानी प्यार ...

    सच है की प्यार के इतने रूप, इतने रंग हैं की किसी एक रंग में बांधना आसान नहीं ... लाजवाब ...

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  15. बहुत खूबसूरत. प्यार के सारे रंग आँखें के सामने से गुज़र गए.

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  16. रंग नहीं होता प्यार का
    हर बूँद हर लम्हें बदलता रहता ह

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  17. प्यार का कैसा अनोखा रंग...
    इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
    कहीं दिखता है पर होता नहीं...
    कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!

    प्यार दिखता नही पर होता है .....सुंदर अभिव्यक्ति

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  18. बस प्यार ही प्यार है

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