Saturday, 22 September 2012

*~इम्तिहान आया...पेट में फुदकती तितलियाँ लाया :((*~ Examination Time ~ Butterflies in the stomach :((*~



प्यारी तितलियों, रंग बिरंगी तितलियों....
फूलों पर मंडराती हरदम,
तुम लगती बगिया में कितनी सुंदर...!:-)
पर आते ही पास स्कूल इम्तिहान ... 
कर देती दिमाग़ का बेड़ा गर्क,
और पढ़ाई सारी...फुर्र-फुर्र....!
जब छोड़ के अपना दिलकश गुलशन...  
अपनी सखियों संग झुंड बनाकर....
कर देतीं तुम... हमला हम सब पर.. 
फिरकी बनकर .... और फुदक-फुदक कर...
~बच्चे तो बच्चे...मम्मियों के भी पेटों के अंदर.....~ :(((

10 comments:

  1. :-)
    सच्ची......पढ़ कर ही सिरहन हो आयी.
    प्यारी रचना अनीता.

    अनु

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (23-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

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  3. ये तितलियाँ तो पागल कर देने के लिये काफी है.

    सुंदर उद्भाव.

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  4. सच में !
    कभी हमारी भी
    उड़ा करती थी
    तितलियाँ
    परीक्षा जब
    सर होती थी
    अब बच्चों की
    तितलियां
    जब उड़ती हैं
    उड़ ही जाती हैं
    माँ बाप की भी
    साथ में
    उड़ जाती हैं
    देखते देखते !

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  5. वाह ...
    सच कहा है तितलियाँ बच्चों के साथ सभी को पागल कर देती हैं ...

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  6. आप सभी गुणीजनों का हार्दिक धन्यवाद व आभार !:-)
    पारिवारिक व्यस्तताओं के कारण देर से उत्तर देने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ !
    ~सादर !!!

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  7. :):) अब मैं तो इस दौर से निकाल चुकी हूँ ... पर सच्ची ऐसा ही होता था

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