'नादानी' बनी 'इल्ज़ाम' कैसे,
'मासूमियत' हुई 'शर्मसार' किस तरह...
'खामोशी' बनी 'गुनाह' कैसे,
'शिक़वे' हुए 'लाचार' किस तरह...
'मायूसी' बनी 'आदत' कैसे,
'सपने' हुए 'अख़बार' किस तरह...
'यादें' बनी 'किताब' कैसे,
'फूल' हुए 'गुनाहगार' किस तरह...
'आँखें' बनी 'सेहरा' कैसे,
'अश्क़' हुए 'बहार' किस तरह....
'बादल' बने 'दीवार' कैसे,
'चाँदनी' हुई 'तरफदार' किस तरह...
'साहिल' बने 'मंझदार' कैसे,
'लहरें' बनी 'पतवार' किस तरह...
'मुखौटे' बने 'पहचान' कैसे,
'सादगी' हुई 'मक्कार' किस तरह...
'गुरूर' बने 'सरताज' कैसे,
'हक़ीक़त' हुई 'खाकसार' किस तरह...
'गम' बने 'ख़ुदग़र्ज़' कैसे,
'खुशी' हुई 'बेज़ार' किस तरह...
'जज़्बात' बने 'इश्तहार' कैसे,
'ज़िंदगी' हुई 'व्यापार' किस तरह...
'साँसें' बनी 'सामान' कैसे,
'मौत' हुई 'साहूकार' किस तरह....
'बंदगी' बनी 'जुनून' कैसे,
'खुदा' हुए 'दर-ब-दर' किस तरह.........
ये सवाल जवाब मन को विचलित और अशांत कर देने वाले हैं।
ReplyDeleteशानदार प्रस्तुती के लिए बधाई स्वीकार करे
सादर !!
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html
बहुत बहुत शुक्रिया... Rohitas ghorela जी !:)
Deleteहम आपके ब्लॉग पर गये भी थे! समय मिलते ही फिर आएँगे !
~God Bless !!!
मायूसी' बनी 'आदत' कैसे,
ReplyDelete'सपने' हुए 'अख़बार' किस तरह...
'यादें' बनी 'किताब' कैसे,
'फूल' हुए 'गुनाहगार' किस तरह...
'आँखें' बनी 'सेहरा' कैसे,
'अश्क़' हुए 'बहार' किस तरह....बेहद अच्छी रचना
बहुत बहुत धन्यवाद व आभार ... रश्मि प्रभा जी !:)
Delete~सादर !!!
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (20-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ! नमस्ते जी!
नमस्ते शास्त्री सर !:)
Deleteप्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद व आभार ...!:)
~सादर !!!
वाह अनिता...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
'यादें' बनी 'किताब' कैसे,
'फूल' हुए 'गुनाहगार' किस तरह...
प्यारे से सवाल..कुछ सवाल अनमने से भी हैं...
:-)
सस्नेह
अनु
शुक्रिया अनु !:)
Deleteअक्सर कई अनमने से सवाल....हमको भी बेचैन कर जाते हैं.. है ना ? :)
सस्नेह !
बंदगी' बनी 'जुनून' कैसे,
ReplyDelete'खुदा' हुए 'दर-ब-दर' किस तरह......
...बहुत खूब! गहन प्रश्न उठाती बहुत उत्कृष्ट रचना...आभार
बहुत बहुत धन्यवाद व आभार.... Kailash Sharma Sir !:)
Delete~सादर !!!
'गम' बने 'ख़ुदग़र्ज़' कैसे,
ReplyDelete'खुशी' हुई 'बेज़ार' किस तरह...
'जज़्बात' बने 'इश्तहार' कैसे,
'ज़िंदगी' हुई 'व्यापार' किस तरह...
बहुत अच्छी रचना
क्या कहने
बहुत बहुत धन्यवाद व आभार... महेन्द्र श्रीवास्तव जी !:)
Delete~सादर !!!
bahut sundar rachna anita ji shabdo ka isjaar is tarah ........:) waah
Deleteबहुत बहुत शुक्रिया... शशि पुरवार जी !:)
Delete~सादर !
आपको ये जानकार ख़ुशी होगी की एक सामूहिक ब्लॉग ''इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड ''शुरू हो चुका है.जिसमे हर हफ्ते भारतीय ब्लोगर्स ओर हिंदी ब्लोग्स का परिचय करवाया जायेगा.और भारतीय ब्लोग्स की साप्ताहिक चर्चा भी होगी.और साथ ही सभी ब्लॉग सदस्यों के ब्लोग्स का अपडेट्स भी होगा.ये सामूहिक ब्लॉग ज्यादा से ज्यादा हिंदी ब्लोग्स का प्रमोशन करेगा.आप भी इसका हिस्सा बने.और आज ही ज्वाइन करें.और इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड के सदस्य बने.
ReplyDeleteइंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
सवालों की रचनाएँ बहुत गहन और सुन्दर है..
ReplyDeleteबहुत ही बढियां रचना...
:-)
बहुत बहुत शुक्रिया... रीना मौर्या जी !:)
Delete~सादर !
'जज़्बात' बने 'इश्तहार' कैसे,
ReplyDelete'ज़िंदगी' हुई 'व्यापार' किस तरह...
बहुत अच्छी रचना.
बहुत बहुत धन्यवाद... Rajput ji !:)
Deleteबहुत ही सुन्दर , अलग भावों से सजी ह्रदय को छूती रचना ...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद व आभार.. hridyanubhuti ji जी !:)
Deletegahri baate, sateek sawalon ko ukerti prabhavi prastuti.
ReplyDeleteBahit Bahit Shukriya.... अनामिका ji !:)
Deletebahut hi alaa sharing ha anita jii...stay blessed..
ReplyDeleteShukriya... hariz ji !:)
Deleteबहुत सुंदर प्रस्तुति !
ReplyDeleteधन्यवाद व आभार... सुशीला जी !:)
Deleteधन्यवाद... Yashwant Mathur ji !:)
ReplyDeletebehtareen prastuti
ReplyDeletevery nice ,You are Welcome didi.
ReplyDeleteमन में कितने सवाल उठाते हैं ॥किसी का उत्तर मिलता है तो बहुत सारे अनुत्तरित ही रह जाते हैं ... बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDelete