बीते लम्हे हौले से छू गये... दिल को..
ज़िंदगी को फूलों सी महका गये देखो...!
पलकों की चिलमन से झाँकते कुछ ख्वाब अधूरे...
दबी दबी मुस्कानों में.. हो जाने दो उन्हें पूरे...!
आओ चुन लें बिखरी तमन्नाओं की सौगातें ....
कि आँखों को फिर... कुछ ख्वाब पुराने याद आये...!
ओ रे मन मेरे ! न सुझा मुझे तू उदासी के बहाने...
इक अरसे बाद... दिल ने फिर मुस्कुराने की ठानी है...!
bahu khoobsurat panktiyan bhavanaon se acchadiओ रे मन मेरे ! न सुझा मुझे तू उदासी के बहाने...
ReplyDeleteइक अरसे बाद... दिल ने फिर मुस्कुराने की ठानी है...!
धन्यवाद....मधु जी !:)
Delete~सादर !
मुस्कुराहट बरकरार रहे .... यही हमारी दुआ है ...
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद संगीता दीदी !:)
Deleteआपकी दुआओं की हमें दरकार है...
~सादर !
इक अरसे बाद... दिल ने फिर मुस्कुराने की ठानी है...!
ReplyDeleteजिसे पूरा करना बनता है :)
धन्यवाद...सदा जी !:)
Deleteबस! कोशिश जारी है...
~सादर
बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteमुस्कुराते रहिये....
शुभकामनाएँ....
:-)
आपकी शुभकामनाओं का तहे दिल से धन्यवाद रीना जी !:)
Delete~सादर
बेहद उम्दा.
ReplyDeleteसादर.
शुक्रिया.... Amit Chandra ji !:)
Deleteआओ चुन लें बिखरी तमन्नाओं की सौगातें ....
ReplyDeleteकि आँखों को फिर... कुछ ख्वाब पुराने याद आये...!
.शानदार अभिव्यक्ति बधाई
शुक्रिया.... शालिनी जी ! :)
Deletebadhiya...
ReplyDeleteशुक्रिया.... शारदा अरोरा जी ! :)
Deleteआओ चुन लें बिखरी तमन्नाओं की सौगातें .......
ReplyDeleteकि आँखों को फिर....... कुछ ख्वाब पुराने याद आए...
Neeta ji.... शुक्रिया !:)
ReplyDeleteओ रे मन मेरे ! न सुझा मुझे तू उदासी के बहाने...
ReplyDeleteइक अरसे बाद... दिल ने फिर मुस्कुराने की ठानी है...!
kya bat hain bahut sundar , badhai
हार्दिक धन्यवाद... Sunil Kumar ji !:)
Delete~सादर !!!
ओ रे मन मेरे ! न सुझा मुझे तू उदासी के बहाने...
ReplyDeleteइक अरसे बाद... दिल ने फिर मुस्कुराने की ठानी है...! bs mann than le to kisi ke bs ki nahin .use paltana..sundar
बिल्कुल... आशा बिष्ट जी !:)
Deleteधन्यवाद !
~सादर !!!
खूब मुस्कराइए ,जी भर के हंसती रहिये और खिलखिलाइए |
ReplyDeleteशुक्रिया... अमित जी !:)
Delete~सादर !!!
दिल को छू गई आपकी यह कविता ! और ये पंक्तियाँ - ओ रे मन मेरे ! न सुझा मुझे तू उदासी के बहाने...
ReplyDeleteइक अरसे बाद... दिल ने फिर मुस्कुराने की ठानी है...!
अपना स्नेह यूँ बनाये रखिये ... भाई साहब !
Deleteहार्दिक धन्यवाद !:)
सादर !!!