आज' की 'रात'......
कुछ 'अलग' सा, प्यारा प्यारा है 'चाँद' !
'स्याह' आसमान में 'केसरिया' निकला है चाँद..!
फलक पे 'निहारा' करती मैं ... यूँ तो अक्सर रातों में चाँद...
आज 'आईना' बन खड़ी मैं....लिए 'आँखों' में 'दो दो चाँद'..!
खनकती चूड़ियों के बीच....
पूजा की थाली में...आज 'दिया' भी 'इतराये है...
'माँग में लाल किरण' और..'माथे' पे मेरे'....
देख 'उगता हुआ सिंदूरी चाँद'...!
'सात जन्मों' का ना जानूँ.., ना ही माँगूँ मैं कोई वरदान...,
इस जनम 'रहे सलामत' ..
'मेरा'...'बस मेरा' ही रहे......'मेरा चाँद'..!
जब 'छोड़ चलूँ' मैं ये 'जहाँ' ...
'अपने हाथों' से 'सजाना' 'मेरा सामान'..,
'ओढ़ा' कर 'लाल चुनरिया'.....
'ओ मेरे चाँद'.. 'तुम' ही 'भरना मेरी माँग'..!!!
मुझे कविता बहुत अच्छी और बहुत प्यारी लगी |
ReplyDeleteसादर
kavachauth ki hardik shubhkamaaya
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति..
ReplyDeleteकरवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ !
kavita + pic --atiutam-***
ReplyDeletekarvachauth ki hardik badhayee,bhaur sundar prastuti Anita ji
ReplyDeleteबहुत खूब...
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
यही प्रसन्नता जीवन रँगती रहे !
ReplyDeleteकरवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteलिए 'आँखों' में 'दो दो चाँद'..!
'मेरा'...'बस मेरा' ही रहे......'मेरा चाँद'..!
वाह ..
जिस खूबसूरती से अपने इस कविता को संवारा है वो काबिले-तारीफ़ है। ये पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी
आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।धन्यवाद !!
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html
स्नेहभरी कविता .शुभकामनायें आपको
ReplyDeleteBEHAD KHOOBSHOORAT RACHNA, BADHAYEE Aankho ke chand jb se dil me utar gya jindgi me khushion ke sare rang bhar gya
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
जित देखो तित फैली चांदनी
ReplyDeleteबहुत खूबसूरती से मन के भावों को कहा है ....
ReplyDeleteआज 'आईना' बन खड़ी मैं....लिए 'आँखों' में 'दो दो चाँद'..!
बहुत सुंदर ...
'सात जन्मों' का ना जानूँ.., ना ही माँगूँ मैं कोई वरदान...,
ReplyDeleteइस जनम 'रहे सलामत' ..
'मेरा'...'बस मेरा' ही रहे......'मेरा चाँद'..!
बहुत ही खूबसूरत अहसास
..
बहुत प्यारी रचना ..
ReplyDelete"इस जनम 'रहे सलामत' ..
ReplyDelete'मेरा'...'बस मेरा' ही रहे......'मेरा चाँद'..!"
बहुत सुंदर भाव और पंक्तियां और दिल कह रहा है आमीन !
आप सभी गुणीजनों का तहे दिल से बहुत बहुत धन्यवाद व आभार ! :)
ReplyDeleteआप सभी की हौसला-अफज़ाई बहुत मायने रखती है !
~सादर !!!
शास्त्री सर, शुभकामनाओं व हौसला अफज़ाई के लिए हार्दिक धन्यवाद !:)
ReplyDelete~सादर !
बहुत प्यारी कविता ! आत्मिक सम्बन्धों की गहनता का सहज चित्रण मनमोहक है । रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ReplyDeleteअति सुन्दर अनीता जी।।अला शेयरिंग
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