अगले दिन सुबह हम लोग नाश्ता कर के चल दिए 'बेल्जियम' (Belgium) की तरफ! क़रीब साढ़े तीन/ चार घंटे की ड्राइव थी! हाई वे ड्राइव, सुंदर नज़ारा... दिल बहुत खुश था! कुछ ही समय में सड़क के दोनों ओर विंड मिल्स (Wind Mills) दिखाई देने लगीं! ख़ूबसूरत, सुंदर विंड मिल्स! पता चला... यहाँ लोग ऊर्जा संरक्षण (energy conservation) पर बहुत ध्यान देते हैं! हर नागरिक इतना जागरूक है...तभी शायद वहाँ बिजली इत्यादि की कोई समस्या नहीं होती...!
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Wind Mills (Photo: Anita Lalit) |
खैर, हम लोग Brussels (ब्रसेल्ज़) पहुँचे जो कि योरोप की राजधानी, Grand Capital of Europe है...! आजकल के मौसम में यहाँ हर तरह के खूबसूरत, रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं! हर जगह, हर घर की बाल्कनी में सुंदर-सुंदर फूल सजे हुए दिख रहे थे! यहाँ ट्राम (Tram) का भी काफ़ी चलन है! दोपहर के खाने का समय हो चुका था! सो हम सबने खाना खाया !
यहाँ का Royal Palace बेल्जियम के राजा का महल है! मगर वो उनका निवास-स्थान नहीं है! उसके ऊपर एक झंडा लहरा रहा था! मनीष जी ने बताया कि जब राजा देश में होते हैं...तब ये झंडा फेहराता रहता है! राजा के वहाँ ना रहने पर झंडा नहीं लहराता! वहीं Royal Park रॉयल पार्क यानी शाही बाग़ीचा भी है!
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Royal Palace (Photo: Anita Lalit) |
शहर की कुछ इमारतों का चक्कर लगाकर हम सब Central Square, Grand Place पहुँचे ! काफ़ी बड़ा स्क्वेर था और बहुत लोग घूम रहे थे! ये स्क्वेर योरोप का सबसे बड़ा, बहुत प्रसिद्ध है! इसके चारों ओर Guild Houses बने हुए हैं ! अगस्त के महीने में यहाँ फूलों का कारपेट बिछा रहता है... और तब तो ये जगह बहुत ही खूबसूरत लगती होगी !
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Central Square, Grand Place (Photo: Anita Lalit) |
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Town Hall (Photo: Anita Lalit) |
वहीं गलियों में होते हुए हम लोग पहुँचे... ब्रसेल्ज़ की पहचान (landmark of Brussels) 'मानेककन पिस' Manneken Pis के सामने! ये सू-सू करते हुए एक छोटे नग्न बच्चे (लड़के) की मूर्ति है! इस मूर्ति को वहाँ के लोग बहुत शुभ मानते हैं! इस मूर्ति के बारे में कई कथाएँ प्रसिद्ध हैं! Brussels के निवासी कुछ समय के अंतराल पर इस बच्चे की मूर्ति को कपड़े पहनाते हैं और उस वक़्त खूब धूम-धड़ाका होता है! हम लोग जिस वक़्त वहाँ पहुँचे...उस वक़्त उसे कपड़े पहनाए थे...और खूब शोर-शराबा हो रहा था!
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Manneken Pis (Photo: Anita Lalit) |
बेल्जियम की चॉक्लेट्स दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं... सो हम लोगों ने चॉक्लेट्स लीं. ! इसके अतिरिक्त यहाँ का 'काँच का काम' भी बहुत सुंदर व प्रसिद्ध है! हम लोगों ने भी कुछ काँच का कुछ सामान ख़रीदा!
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Chocolate Shop, Manneken Pis (Photo: Anita Lalit) |
इसके बाद हम लोग वहाँ से चल दिए और एक बहुत ही सुंदर स्टील की इमारत "Atomium" पर पहुँचे ! इसे 1958 में Brussels World Fair में Expo '58 के लिए बनाया गया था!ये ३३५ फीट ऊँची स्टेनलेस स्टील की इमारत है! लोग इसके अंदर भी जाते हैं... और कहते हैं कि इसके ऊपर जाकर ब्रसेल्ज़ का बहुत सुंदर दृश्य दिखाई देता है!
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Atomium (Photo: Anita Lalit) |
कुछ वक़्त वहाँ बिताने के बाद हम लोग चल दिए नीदरलैंड्स (Netherlands) की ओर, जहाँ पर हमें दो दिन ठहरना था! जिस होटेल में हम लोग ठहरे थे....उसके आस-पास भी इतना बढ़िया व मनमोहक वातावरण था...कि हम तीनों कुछ देर तक उस जगह पर टहलते रहे ... और फिर रात का खाना खा कर अगले दिन एम्सटर्डम (Amsterdam) घूमने के बारे में सोचते-सोचते सो गये... :-)
और अगले दिन ही हमारे बेटे का जन्मदिन भी था... जो एम्सटर्डम में मनाना था ! :-)
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The Surroundings around our hotel (Photo: Anita Lalit) |
क्रमशः
शब्द और दृश्य की खूब सूरत दावत देती पोस्ट .
ReplyDeleteधन्यवाद व आभार...सर!:)
Delete~सादर!!!
Brussels aur Amsterdam का एअरपोर्ट मेरा देखा हुआ है ...अब मेरी फ्लाइट का
ReplyDelete२ घंटे का Brussels में ठहराव था और पहले २००६ में कैनेडा जाते हुए Amsterdam में
बाकि की यूरोप की यात्रा आपकी खुबसूरत शब्दों से सजी पोस्ट और निहायत सुंदर चित्रों से कर रहा हूँ ...खुबसूरत यादों से सजी यात्रा के लम्हों का इंतज़ार रहेगा .....
आभार और शुभकामनायें !
धन्यवाद व आभार... अशोक भैया! :)
Deleteयादें कितनी खूबसूरत होतीं हैं ना... :)
~सादर!!!
बेल्जियम की खूबसूरत सैर करवा दी आपने, सभी चित्र बेहद खूबसूरत हैं, आनंद आगया.
ReplyDeleteरामराम.
आपको पसंद आया... इसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया... ताऊ जी!:)
Delete~सादर
आपके साथ हम भी घूम लिए ... सुंदर चित्र और उनका विवरण बढ़िया रहा ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया संगीता दीदी! :)
Deleteआभार...
~सादर!!!
अनिता जी आपकी इस यात्रा-संस्मरण की सभी कड़ियों ने मन मे कौतूहल जगा दिया । नयनाभिराम फोटो, सरल और दिल को छूने वाले वर्णन , लगा कि मानसिक रूप से मैंने भी भ्रमण कर लिया । दूसरे देश अपनी विरासत को कितने अपनेपन से सँजोकर रखते हैं , ये हमारे लिए एक सन्देश है । इस अछूते संस्मरण के लिए आपको हार्दिक बधाई ! रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ReplyDeleteBEAUTIFUL JOURNEY AND NICE PHOTOGRAPHS
ReplyDeletenyc photos
ReplyDeleteघर बैठे बेल्जियम की यात्रा हो गयी
ReplyDeleteबहुत सुंदर यात्रा वृतांत साथ में चित्र
बढ़िया प्रस्तुति
बधाई
आप सभी की सराहना तथा प्रोत्साहन का तहे दिल से धन्यवाद व आभार!:-)
ReplyDeleteइसके बाद का सफ़र बहुत सुंदर व रोचक होता गया ... :)
~सादर!!!