Friday 25 November 2016

यादें सीपियाँ ~हाइकु

1
मन-दीपक
भाव-अँजुरी लिये
अर्पण तुझे। 

2
दो नन्हे दीप
बिटिया की आँखों के
देते हौसला।

3
जाड़े की धूप
नर्म -सा एहसास-
बेटियाँ ख़ास।

4
माँ तो लुटाती
आशीर्वाद-पोटली !
आँसू छिपाती।

5
चाँद झाँकता
झील में छिप कर
मुखड़ा देखे ।

6
सर्दी की धूप
छत पर यादों की
किताब खुली।

7
साँझ की गली
सूरज ने छिड़की 
रोली-रंगोली।

8
यादें सीपियाँ
गहराई में पैठीं
खुलें तो मोती।

9
दिल का दर्द
जब दिल में रहे
नासूर बने।

10
टूटे सपने
पलकों पर  सजें
आँखों में चुभें।

~अनिता ललित 

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर हाइकु

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  2. आपने लिखा....
    मैंने पढ़ा....
    हम चाहते हैं इसे सभ ही पढ़ें....
    इस लिये आप की रचना दिनांक 27/11/2016 को पांच लिंकों का आनंद...
    पर लिंक की गयी है...
    आप भी इस प्रस्तुति में सादर आमंत्रित है।

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  3. हार्दिक आभार आप सभी का !!!

    ~सादर

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