Friday 12 April 2013

**~रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं.... सच्चे प्यार को पाने के लिए....~**



जब ज़िंदगी में सैलाब आता है...
आँसू भी लहर बनकर उसका साथ देते हैं...
हाथों की पतवार से उन्हें हटा कर...
रास्ता बनाकर...
जीवन नैया को पार पहुँचाओ...
उस पार...
जहाँ कोई सपना इंतज़ार कर रहा होगा...
किसी जादुई स्पर्श का...
'अपनी हक़ीक़त के वजूद' से रू-ब-रू होने का.....
क्योंकि... हर सपना झूठा नहीं होता....
सबकी क़िस्मत में सच्चा प्यार होता है...
कभी ना कभी...कहीं ना कहीं...
ज़िंदगी में कम से कम...एक बार तो...
उससे मुलाक़ात ज़रूर होती है...
बस उस तक पहुँचने की ज़रूरत है....
वक़्त, नज़र और हालातों के फेर में...
उलझे बिना, चूके बिना....
दिल की गहराई की आवाज़ सुनते हुये...
तूफ़ानों से गुज़रते हुए...
रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं....
सच्चे प्यार को पाने के लिए.....

22 comments:

  1. वाह!!! बहुत बढ़िया रचना | आनंदमय | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  2. 'उलझे बिना, चूके बिना....'
    - कोशिश सफल होती है कभी-न-कभी!

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  3. बहुत सुंदर .... सकारात्मक भाव

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  4. दिल की गहराई की आवाज़ सुनते हुये...
    तूफ़ानों से गुज़रते हुए...
    रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं....
    सच्चे प्यार को पाने के लिए....
    ...सबसे खूबसूरत पंक्तियाँ ...!!!

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  5. क्योंकि... हर सपना झूठा नहीं होता....
    बिल्कुल सही कहा अनिता जी ...बहुत सुन्दर!

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  6. बड़ी मशक्कत का काम है .... सुंदर रचना

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  7. बिलकुल सच कहा अनीता ने
    रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं....
    सच्चे प्यार को पाने के लिए.....
    आभार

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  8. बहुत खूब ......शानदार ।

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  9. बिल्कुल सच
    रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं....
    सच्चे प्यार को पाने के लिए...
    बस एक हौसले की जरूरत होती है ...
    God Bless U .....

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  10. ज़िंदगी में कम से कम...एक बार तो...
    उससे मुलाक़ात ज़रूर होती है...
    बस उस तक पहुँचने की ज़रूरत है....
    वक़्त, नज़र और हालातों के फेर में...
    उलझे बिना, चूके बिना....
    दिल की गहराई की आवाज़ सुनते हुये...
    तूफ़ानों से गुज़रते हुए...
    रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं....
    सच्चे प्यार को पाने के लिए

    सही वक़्त और सही मौका मिले आप उसका उपयोग कर लीजिये

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  11. दिल की गहराई की आवाज़ सुनते हुये...
    तूफ़ानों से गुज़रते हुए...
    रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं....
    सच्चे प्यार को पाने के लिए.....

    सुंदर भाव, अनुपम विचार.

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  12. नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
    आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
    बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    मेरी मांग

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  13. रस्ते खुद ही बनाने होते हैं ...
    सच कह अहि हिम्मत की डरकर होती है ...

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  14. सच्चे रास्ते के लिए पुरुषार्थ का जीवट वाह क्या बात है .

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  15. क्या किया जाए बहुत मारा मारी है सच्चे प्यार के लिए. सही वक़्त का इंतज़ार... और कायनात भी साथ देने लगती है सच्चे प्यार तक पहुंचाने में. बहुत सुन्दर, बधाई.

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  16. सच है, रास्ते खुद को बनाने पड़ते हैं...........

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  17. सच है, रास्ते खुद को बनाने पड़ते हैं...........

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  18. तूफ़ानों से गुज़रते हुए...
    रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं....
    सच्चे प्यार को पाने के लिए.....

    .............सुंदर भाव

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  19. मेरी इस सोच को सराहने के लिए तथा मुझे प्रोत्साहित करने के लिए आप सभी गुणी जनों का दिल से धन्यवाद व आभार..!:-)
    ~सादर!!!

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  20. रुक जाना नहीं....तू कहीं हार के....
    --प्लीज़ ब्लॉग का ले-आउट बदलिए...टिप्पणी के लिए का संकेत कैसे क्लिक करें- दिख ही नहीं रहा...!! अंदाज़े से यहाँ तक पहुंचा हूँ---

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  21. **~रास्ते खुद ही बनाने पड़ते हैं.... सच्चे प्यार को पाने के लिए....~**

    प्यार का मर्म एक पंक्ति में,बधाई

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