कैसी ये ज़िंदगी....
जलती बुझती.. यादों की... रातों जैसी...
जिंदगी....,
उड़ती गिरती... पर कटे परिंदे के... कुलाँचों जैसी...
जिंदगी....,
डूबती उतराती... चश्म-ए-नम में... तैरते ख्वाबों जैसी...
जिंदगी...
थक गयी..., थम गयी.., दौड़ते दौड़ते....
तुम तक आते-आते....
मेरी...जिंदगी.......
थक गयी..., थम गयी.., दौड़ते दौड़ते....
ReplyDeleteतुम तक आते-आते....
मेरी...जिंदगी.
बहुत सुंदर अहसास कविता में.....बधाई !!!