1
आँखों में है सावन
दिल ममता-आँगन
माँ तू कितनी पावन।
2
हर दुःख को सह जाती
उफ़ न कभी करती
माँ तो बस मुस्काती !
3
आँचल में हैं सारे
मुन्ने के सपने
क्या चन्दा , क्या तारे।
4
जिस घर माँ मुस्काती
ईश्वर की बाती
कण-कण नूर खिलाती।
5
माँ पहला आखर है
नींव बने घर की
माँ ऐसा पत्थर है ।
6.
सबको जीवन देती
सहती धूप कड़ी
अपने सपने पीती ।
7
कैसा दुःख क्या चिंतन
दर्द सभी भागें
माँ तो हल्दी-चन्दन।
8.
रिश्तों को वो सीती
छुपकर है रोती
माँ घुट-घुट कर जीती।
9.
जीवन भर ना हारी
अब जब उम्र ढली
अपने बदलें पारी !
10
अपने दिल में पाती
बेटी की धड़कन
माँ की प्यारी साथी ।
11
माँ के भीगे नैना
जो ना पढ़ पाए
उसका क्या है जीना ।
आँखों में है सावन
दिल ममता-आँगन
माँ तू कितनी पावन।
2
हर दुःख को सह जाती
उफ़ न कभी करती
माँ तो बस मुस्काती !
3
आँचल में हैं सारे
मुन्ने के सपने
क्या चन्दा , क्या तारे।
4
जिस घर माँ मुस्काती
ईश्वर की बाती
कण-कण नूर खिलाती।
5
माँ पहला आखर है
नींव बने घर की
माँ ऐसा पत्थर है ।
6.
सबको जीवन देती
सहती धूप कड़ी
अपने सपने पीती ।
7
कैसा दुःख क्या चिंतन
दर्द सभी भागें
माँ तो हल्दी-चन्दन।
8.
रिश्तों को वो सीती
छुपकर है रोती
माँ घुट-घुट कर जीती।
9.
जीवन भर ना हारी
अब जब उम्र ढली
अपने बदलें पारी !
10
अपने दिल में पाती
बेटी की धड़कन
माँ की प्यारी साथी ।
11
माँ के भीगे नैना
जो ना पढ़ पाए
उसका क्या है जीना ।
बहुत सुंदर माहिया ...!!
ReplyDeleteमाँ की सम्पूर्णता को व्यक्त करते हुए बहुत ही भावपूर्ण कविता... बेहद सुन्दर प्रस्तुति !!
ReplyDeleteसुंदर माहिया .....
ReplyDeletemamatv chalkate mahiyw
ReplyDeleteमाँ और सुन्दर माहिए ... माँ को समर्पित अनुपम रचना ...
ReplyDeleteआप सभी का ह्रदय से आभार :-)
ReplyDelete~सादर
.. माँ को समर्पित अनुपम रचना
ReplyDeleteबेहद सुंदर और ममत्व से भरी रचना, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
मन को छूते शब्दों का संगम ..........
ReplyDeletebahut sundar madhur prastuti Anita ji
ReplyDeletehaardik badhaaii !!
ब्लॉग पर प्रकाशित सारी रचनाएँ बहुत ही मन मोहक और उम्दा है.
ReplyDeleteबेहतरीन सृजन के लिए हार्द्धिक शुभकामनाये और बधाइयाँ
प्रोत्साहन देने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार... :-)
ReplyDelete~सादर
bhapurn-****
ReplyDeleteek bar phir aap ke blog ana acha laga