ओ मेरे कान्हा!
तू है मेरा सहारा
पालनहारा !
तू ही खेवनहारा।
मोर मुकुट !
तेरा रूप सलोना
दिल लुभाए
हो जग उजियारा !
आँसू की धार,
जीवन मँझधार,
बंसी की धुन
है पतवार मेरी !
ये प्यारी हँसी
दुःख-दर्द निवारी।
मेरा जीवन
है तुझको अर्पण।
मैं हूँ निश्चिन्त
आ के तेरी शरण।
मुरलीधर!
मधुर तेरी तान!
मुझे शक्ति दो
मेरी विपदा हरो।
राह दिखाओ !-
सद्कर्म मेरे
बनें पूजा-अर्चना
तेरी भक्ति-तराना।
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "१०८ वीं जयंती पर अमर शहीद राजगुरु जी को नमन “ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआभार आपका !
Deleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !!!
~सादर
जय श्री कृष्ण!!
ReplyDeleteसारगर्भित
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !!!
ReplyDelete~सादर
बहुत सुन्दर और कृष्णा के प्रेम से प्रेरित अनुपम शब्द ...
ReplyDeleteसुन्दर भक्तिपूर्ण रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भक्ति-तराना।
ReplyDeleteआप सभी सुधीजनों का हार्दिक आभार !!!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित