Thursday, 18 July 2013

**~मेरा योरोप भ्रमण- भाग ४~ "नीदरलैंड्स (हॉलैंड)" ~**

            
         आज का दिन... हमारे परिवार के लिए बहुत ख़ास था! आज हमारे बेटे का जन्मदिन था! हमारे ग्रुप में भी अबतक सबको पता चल चुका था! हमारे टूर गाइड मनीष से बात कर के केक का इंतज़ाम भी हो चुका था!

        हम लोग सुबह नाश्ते के बाद तैयार होकर निकले एम्सटेरडम (Amsterdam) की सैर को! रास्ते भर नहर के किनारे सुंदर-सुंदर घर बसे हुए थे! लग रहा था जैसे वेनिस (Venice, Italy) में आ गये हैं! वहाँ के रहने वाले (लोकल) लोग नाव पर सैर का आनंद ले रहे थे! किनारे पर भी नावें बँधी हुईं थीं! शायद घर के लोग उसी से आना-जाना करते होंगे!
Photo: Anita Lalit



      आज हम लोग जाने वाले थे... वुडन शूज़ (Wooden shoes) और चीज़ फैक्ट्री (cheese)  factory में! वहाँ पहुँचने पर एक बहुत ही स्वीट से बंदे ने सबसे पहले हम सबको मुस्कुराते हुए हिन्दी में 'नमस्ते' कहा! फिर उसने लकड़ी का जूता बनाने की पूरी विधि बताई! उसने बताया ये जूते पुराने समय में किसान पहना करते थे! हल्का होने के कारण इससे खेतों में काम करने में आसानी होती थी!

लकड़ी के जूते बनाने की विधि बताते हुए... (Photo: Anita Lalit)


     इसके बाद वो ले गया हम लोगों को चीज़ (cheese) बनाने वाली जगह में! वहाँ उसने चीज़ (cheese) बनाने से लेकर उसे पैक कर के बाज़ार तक पहुँचाने की पूरी विधि विस्तार से बताई! और ये भी बताया... कि बाज़ार में बिकने वाली कोई-कोई पैक्ड चीज़ नॉन वेजिटेरियन भी होती है, अगर वो गाय के पेट से निकलने वाले एक पदार्थ से बनाई गयी हो तो !

 
चीज़ (Cheese) बनाने की विधि बताते हुए... (Photo: Anita Lalit)

     उस कमरे से निकलकर हम सब पहुँचे उसकी सजी-धजी दुकान में! वहाँ बहुत ही खूबसूरत पोर्सीलीन का सामान और हॉलॅंड (Holland) के  Memoirs रक्खे हुए थे! हम लोगों ने भी कुछ सामान निशानी के तौर पर खरीदा और वहाँ से चल दिए!

Holland Memoirs (Photo: Anita Lalit)


     सड़कें बहुत पतली थीं! ज़्यादातर वहाँ लोग साइकल चलाते हैं! साइकल के लिए अलग ट्रैक बना हुआ था, उसका अपना सिग्नल था! और तो और मल्टी लेवेल साइकल पार्किंग (Multilevel Cycle Parking) भी बनी हुई थी!



Multilevel Cycle Parking (Photo: Anita Lalit)




      कुछ ही देर में हम लोग पहुँचे एक बहुत बड़ी विंडमिल के पास! ये पुराने समय की विंडमिल थी!आजकल की विंडमिल पतली-पतली खूबसूरत थीं! उस पुराने ज़माने वाली विंडमिल के नीचे एक छोटा सा, प्यारा सा घर भी था, जिसमें किचेन व एक कोई और कमरा दिख रहा था!

पुराने समय की विंडमिल, जिसके नीचे घर भी है...(Photo: Anita Lalit)


     कुछ वक़्त वहाँ गुज़ारने के बाद हम लोग लंच के लिए पहुँचे! वहाँ पहले हमारे बेटे के जन्मदिन का केक कटा ! सबने खूब मज़े लेकर खाया!

     फिर हम लोगों ने केनाल क्रूज़ (Canal Cruise) की सैर की! कम से कम दो/ढाई घंटे तो हम लोग उसमें घूमे ही होंगे! किनारे-किनारे घर व दूसरी इमारतें थीं! बहुत सुंदर-सुंदर बोट हाउस (boat houses) भी बनाए हुए थे वहाँ के निवासियों ने, और कुछ में तो बाक़ायदा गार्डेन्स भी थे! कुछ क्रूज़ में लोग पार्टी भी करते हुए दिखे! और इस बार भी क्रूज़ कई पुलों के नीचे से निकला! इनमें से कुछ पुल ऐसे भी थे... जो कोई बड़ा क्रूज़ निकलने पर दरवाज़े की तरह खुलते और बंद हो जाते थे! आगे चलकर ये नहर समंदर में मिल जाती है... क्रूज़ वाले ड्राइवर जी हम लोगों को वहाँ तक ले गये!

Canal Cruise (Photo: Anita Lalit)

जहाँ से हम लोग क्रूज़ पर चढ़े (Photo: Anita Lalit)

Houseboats with Gardens (Photo: Anita Lalit)


Bridge over the canal (Photo: Anita Lalit)




समंदर में मिलती हुई Canal (Photo: Anita Lalit)

         क्रूज़ सैर के बाद हम लोग वहाँ के टाउन स्क्वेर  (Dam Square) यानी मेन मार्केट में आ गये! वहाँ  Madame Tussaud's Wax Museum भी था! कुछ देर वहाँ घूमे टहले... वहाँ की लाइफस्टाइल देखी ! वहाँ भी कोई जुलूस निकल रहा था... जिसे देखकर अपना देश याद आ गया...कि सिर्फ़ अपने देश में ही ऐसा नहीं होता... और जगहों पर भी होता है...! मगर सब हँसते-मुस्काते जुलूस निकाल रहे थे!.....फिर वहाँ से चल दिए!

Town Square, Amsterdam



Dam Square, Amsterdam (टाउन स्क्वेर, एम्सटर्डम) में निकलने वाला एक जुलूस (Photo: Anita Lalit)




      इसके बाद हम एक बहुत ही खूबसूरत जगह पहुँचे! वो थी मदुरोडम (Madurodam, The Hague, Netherlands)  ! ये एक मिनियेचर पार्क (Miniature Park) है! योरोप की प्रसिद्ध इमारतों, एअरपोर्ट ट्यूलिप गार्डेन्स वग़ैरह... कई सारी जगहों के छोटे मॉडेलनुमा (Models) तरीक़े से बनाकर एक बहुत बड़ा व सुंदर पार्क बनाया हुआ है! यहाँ आकर ऐसा लगा..जैसे हम बचपन में लौट आए हैं... हम इमारतों से भी बड़े...और सारी चीज़ें नन्ही-मुन्नी! बिल्कुल 'गुलिवर' (Gulliver) की तरह!

एक / ढेढ़ घंटे वहाँ बिताकर हम सब वापस अपने होटेल की तरफ चल दिए! 


Entrance of Madurodam, The Hague, Netherlands (Photo: Anita Lalit)



Madurodam (the miniature park), The Hague, Netherlands (Photo: Anita Lalit)










अगले दिन जर्मनी के लिए निकलना था!

                                                                                                                                                               क्रमशः

34 comments:

  1. सबसे पहले बेटे को जन्म-दिन की बहुत मुबारक और आशीर्वाद देना !

    अनीता ,मेरे ख्याल से ये भाग चार होना चाहिए था .....खैर सैर का मज़ा आ गया हालेंड का ...बड़े-बड़े हम और छोटी-छोटी इमारते ...बहुत कुछ !
    हसीन लम्हे ...हमेशा बूंद-बूंद घटने चाहिए एक दम नही ..इसी लिय हमेशा तलाश रहती है ..हसीन बूंद-बूंद ..लम्हों की !
    खुश रहो,स्वस्थ रहो !

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    1. जी अशोक भैया! घर में कुछ इतनी व्यस्तता चल रही है... कि लिखने का समय ही नहीं मिल पाता! इसीलिए ब्लॉग में भी आना-जाना ठीक से नहीं हो पा रहा! हमें सुबह-सुबह याद आया कि हमने शायद ग़लत शीर्षक पोस्ट कर दिया है, उसीलिए जल्दी से यहाँ आए और ठीक किया! तभी आपका कॉमेंट भी दिखा...! :) आपने भी अच्छा किया जो बता दिया... अगर हमें नहीं याद आता तो पता तो चल जाता...!
      और आपके इतने प्यारे से अपनत्व भरे कॉमेंट के लिए बहुत-बहुत... धन्यवाद व आभार!:)

      ~सादर!!!

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  2. सिलसिलेवार बहुत सुंदर वर्णन .... चित्रों का अपना ही आनंद है ... बढ़िया पोस्ट

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    1. हार्दिक धन्यवाद व आभार...संगीता दीदी! यूँ ही अपना आशीर्वाद बनाए रखिए... हौसला मिलता है... :)

      ~सादर!!!

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  3. Fantastic presentation especially with the pictures - brilliant effort and time invested. KEEP WRITING because You have the best 'FEEL' WHICH VERY FEW PEOPLE HAVE- Keep writing! :) -god bless You.Thanks for the important information n guidance...

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    1. तहे दिल से आपका शुक्रिया... Hariz जी! प्रोत्साहन का बहुत बहुत आभार... :)

      ~सादर!!!

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  4. क्या बात है बढ़िया नजारे दिखाए जैसे दावत दे दी हो नजारों ने खुद आके बढ़के नैनों को

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    1. हार्दिक धन्यवाद... सर!:)

      ~सादर!!!

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  5. क्या बात है बढ़िया नजारे दिखाए जैसे दावत दे दी हो नजारों ने खुद आके बढ़के नैनों को

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  6. आपने बहुत ही शानदार फ़ोटो क्लिक किये हैं, विवरण सहित सहित पढते हुये लग रहा है कि हम ही घूम आये हैं, अब जर्मनी यात्रा के विवरण का इंतजार करते हैं, बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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    1. ताऊ जी, आपकी टिप्पणी हमेशा ही बहुत उत्साहवर्धक होती है! जब आप लिखते हैं... अगली जगह के वर्णन का इंतज़ार रहेगा तो बहुत हौसला मिलता है! बहुत-बहुत आभार सराहना तथा ऐसे प्रोत्साहन के लिए!:-)
      ~सादर!!!

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  7. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(20-7-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  8. बहुत उम्दा प्रस्तुतिकरण...बहुत बहुत बधाई...

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    1. हार्दिक धन्यवाद व आभार.... प्रसन्न जी!:)
      ~सादर!!!

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  9. वाह ! हमें तो देख देख रंज हो रहा है .....कहाँ हम गुवाहाटी में भी निकल नहीं पाते .....:))

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  10. वाह नीतू ...एक बार फिर सिलसिलेवार पढ़ने में और भी मज़ा आया...और तुम्हारी लिखने की शैली भी भा गयी...:)

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  11. लगातार पढ़ रहा हूं, लग रहा है कि खुद यूरोप का चक्कर लगा कर आया हूं। एक एक बात आपकी कलम से.. बहुत सुंदर


    मेरी कोशिश होती है कि टीवी की दुनिया की असल तस्वीर आपके सामने रहे। मेरे ब्लाग TV स्टेशन पर जरूर पढिए।
    MEDIA : अब तो हद हो गई !
    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/07/media.html#comment-form

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  12. मज़ा आ गया, आपके साथ मेरा भी यूरोप भ्रमण हो गया. सबसे अच्छा लगा मिनिएचर पार्क की तस्वीरों को देखना. आपका भ्रमण जारी रहे और हम भी घूमते रहें... बहुत शुभकामनाएँ.

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  13. शानदार तस्वीरों के साथ शानदार यात्रा ...उम्दा प्रस्तुतिकरण
    .........बहुत बहुत शुभकामनाये

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  14. शानदार यात्रा ...उम्दा प्रस्तुतिकरण.....

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  15. सुन्दरछायांकन और विवरण

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  16. रोचक यात्रा विवरण !

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  17. बहुत सुन्दर चित्र सहित सुन्दर प्रस्तुति !
    latest post क्या अर्पण करूँ !
    latest post सुख -दुःख

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  18. बहुत खूब ... बड़ा ही सजीव चित्रण किया है ...मेरी २००८ की यादें ताज़ा हो गयी ... बधाई ..

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  19. पवन चक्की और डायमंड काटने के नगरी का लाजवाब वर्णन खूबसूरत चित्रों के साथ किया है आपने ... सजीव चित्रण ...

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  20. रोचक और प्रभावशाली यात्रा वर्णन
    सुंदर चित्र संयोजन
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी पधारें
    केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------

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  21. रोचक यात्रा वर्णन सुंदर चित्र

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  22. बेल्जियम और होलैंड विश्व के सबसे खूबसूरत देशों में से एक हैं , मेरी भ्रमण लिस्ट में यह शामिल हैं !
    फोटो बहुत प्यारे लगे खास तौर पर चीज़ फैक्ट्री ! आभार

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  23. मनमोहक दृश्य , तदनुरूप सरल , सहज भाषा ,सजीव चित्रों के साथ संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी । हार्दिक बधाई अनिता ललित जी!

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  24. आप सभी की सराहना तथा प्रोत्साहन का तहे दिल से शुक्रिया!:-)
    हार्दिक आभार... :)

    ~सादर!!!

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  25. Anitaji,
    You describe every scene very well.
    Vinnie,
    Note-Please visit my blog Unwarat.com & write your views about it.

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  26. सुन्दर चित्रों सहित रोचक यात्रा वृतांत....

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