प्यारी तितलियों, रंग बिरंगी तितलियों.... फूलों पर मंडराती हरदम, तुम लगती बगिया में कितनी सुंदर...!:-) पर आते ही पास स्कूल इम्तिहान ... कर देती दिमाग़ का बेड़ा गर्क, और पढ़ाई सारी...फुर्र-फुर्र....! जब छोड़ के अपना दिलकश गुलशन... अपनी सखियों संग झुंड बनाकर.... कर देतीं तुम... हमला हम सब पर.. फिरकी बनकर .... और फुदक-फुदक कर... ~बच्चे तो बच्चे...मम्मियों के भी पेटों के अंदर.....~ :(((