हाथों में मेहन्दी रचती रहे,
चूड़ियाँ कलाई में खनकती रहें,
माथे पे बिंदिया की झिलमिल रहे,
माँग सिंदूरी दमकती रहे...!
ख्वाबों की महफ़िल आबाद रहे,,
होठों पे प्रीत गुनगुनाती रहे,
आँखों में चंदा बहकता रहे..
नज़रों से चाँदनी बरसती रहे !
~ओ चाँद आसमाँ के.., देना.. मुझे ये वरदान....
" मेरे चाँद को मेरी भी... उमर लगे..!
जब छोड़ूँ मैं 'जहाँ'...
वो मेरा सिंगार करे..
'मेरा चाँद' मेरी 'माँग' में 'सितारे भरे'...!!!"~
प्रेम भरी खूबसूरत रचना ...
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