दामिनी चली गयी ! एक अजीब सा गूँजता हुआ सन्नाटा छोड़ गयी...! दिल कितना दुखी है... ये किसी को बताने की ज़रूरत नहीं...! उसकी हिम्मत और बहादुरी को मेरा शत-शत नमन ! ईश्वर उसकी आत्मा को शांति प्रदान करे व उसके माता-पिता व प्रियजनों को ये असीम दुख सहने की शक्ति दे !
आज न कुछ कहने की ज़रूरत है... न सुनने की ! बस.. एक इंसान और नारी होने के नाते कई दिनों से एक बग़ावत उठ रही है मन में...~ और नहीं... बस ! और नहीं.....
" हर फ़ैसले पर मेरे... मोहर की थी ताक़ीद...
जीने की आरज़ू थी... क़लम तोड़ वो गया........."
अच्छी रचना..
ReplyDeleteदामिनी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने वाला
शानदार अभिव्यक्ति,
ReplyDeleteजारी रहिये,
बधाई।
" हर फ़ैसले पर मेरे... मोहर की थी ताक़ीद...
ReplyDeleteजीने की आरज़ू थी... क़लम तोड़ वो गया........."
मुकम्मल बातें दिल के करीब जो कुछ हुआ उसकी पुनरावृत्ति न हो . इश्वर राह दिखाएँ
कुछ ज़ख्म भरते नहीं...
ReplyDeleteभरने भी नहीं चाहिये......
:-(
अनु
बलिदान जाया ना जाय बस यही कामना करती हूँ.
ReplyDeleteप्रासंगिक तंज लिए धार दार प्रस्तुति .
ReplyDeleteनव वर्ष शुभ हो चौतरफा .
xpand
ReplyDelete35m Virendra Sharma @Veerubhai1947
ram ram bhai मुखपृष्ठ http://veerubhai1947.blogspot.in/ रविवार, 30 दिसम्बर 2012 फैसला निर्भया की मौत से पहले और बाद का
Expand
Virendra Sharma @Veerubhai1947
ReplyDeleteचांद को भी मात दे देगी उसकी चमक! comets चांद को भी मात दे देगी उसकी चमक! http://sb.samwaad.com/2012/12/blog-post_29.html … वीरेंद्र कुमार शर्मा की रपट
Expand Reply Delete Favorite
Virendra Sharma @Veerubhai1947
ReplyDeleteचांद को भी मात दे देगी उसकी चमक! comets चांद को भी मात दे देगी उसकी चमक! http://sb.samwaad.com/2012/12/blog-post_29.html … वीरेंद्र कुमार शर्मा की रपट
Expand Reply Delete Favorite
नूतन वर्षाभिनंदन मंगलकामनाओं के साथ.
ReplyDeleteइस मार्मिक घटना ने सभी का झकझोर दीया हैं। मार्मिक वर्णन
ReplyDeleteवाकई अब बस अब और नहीं .... विनम्र श्रद्धांजलि...
ReplyDeleteमर्मान्तक पीड़ा है इन शब्दों में जो अंतस को झकझोड़ देती
ReplyDelete:(
ReplyDeleteजख्म सूखने न पायें |
विनम्र श्रद्धांजलि |
सादर