प्यार का कैसा अनोखा रंग...
इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
कहीं दिखता है पर होता नहीं...
कहीं होता है पर दिखता नहीं..!
सात सुरों की झंकार प्यार...
इकतारे की धुन में बेखुद प्यार !
उगते सूरज की उमंग प्यार...
चंदा एकाकी.. उदास प्यार !
चटख लाली में खिलता प्यार...
बदरंग हो कभी छिटकता प्यार !
चेहरे पे दमकता नूर प्यार...
झुर्रियों में खोई कहानी प्यार !
फूलों में महकता नाज़ुक प्यार...
काँटों में ज़ख़्मी सिसकता प्यार !
गौहर -ए-शबनम सा हसीन प्यार...
क़तरा-ए-अश्क़ में लहुलुहान प्यार !
मासूम सी ज़िद में मचलता प्यार...
अहं में मुर्दा अकड़ता प्यार !
जज़्बा-ए-दोस्ती में निखरता प्यार...
एहसास-ए-दुश्मनी में बिखरता प्यार !
ख्वाबों में शहज़ादा प्यार ही प्यार...
हक़ीक़त का बेबस गुलाम प्यार !
प्यार का कैसा अनोखा रंग...
इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
कहीं दिखता है पर होता नहीं...
कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
NICE हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
ReplyDeleteशुक्रिया... शिखा जी !:)
Deleteकैसे-कैसे रंग और एक-से-एक ढंग !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद.... प्रतिभा जी !:)
Delete~सादर !!!
गौहर -ए-शबनम सा हसीन प्यार...
ReplyDeleteक़तरा-ए-अश्क़ में लहुलुहान प्यार !
बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .बधाई देर से ही सही प्रशासन जागा :बधाई हो बार एसोसिएशन कैराना .जिंदगी की हैसियत मौत की दासी की है
प्यार का कैसा अनोखा रंग...
ReplyDeleteइस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
कहीं दिखता है पर होता नहीं...
कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
Posted by Anita at 21:44 3 comment
प्यार का कैसा अनोखा रंग...
इस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
कहीं दिखता है पर होता नहीं...
कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
Posted by Anita at 21:44 3 comment
किशोर मन का सम्मोहन ,
वायदों का हसीं ताजमहल ,
कहो न ! प्यार है ,
बे -सबब इकरार है .
उमंग और ताल है ,
रस की फुहार है .,जीवन धार है .
हार्दिक धन्यवाद.... Virendra Kumar Sharma ji !:)
Delete~सादर !!!
प्यार प्यार.....
ReplyDeleteचेहरे पे दमकता नूर प्यार...
झुर्रियों में खोई कहानी प्यार !
फूलों में महकता नाज़ुक प्यार...
काँटों में ज़ख़्मी सिसकता प्यार !
बहुत सुन्दर अनिता.....
हर लफ्ज़ से झलका प्यार...
सस्नेह
अनु
प्यार प्यार प्यार......
ReplyDeleteकितने रंग...कितनी किस्में....
बहुत बहुत सुन्दर अनिता...
सस्नेह
अनु
शुक्रिया अनु ! :)
Deleteढेर सारा स्नेह !
पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ ... प्यार के रंगों कि अनोखी छटा बिखेर डी आपकी रचना ने तो ..बहुत खूब!
ReplyDeleteशुक्रिया शालिनी जी...! मेरे ब्लॉग में आपका हार्दिक स्वागत है ! :-)
Deletekavita achhi lagi, dhayavad
ReplyDeleteशुक्रिया... Gajadhar Dwivedi ji ! :)
Deletesundar chhata bikheri hai aapne pyar ke rango ki...
ReplyDeleteशुक्रिया ... Kavita Verma ji !:)
Deleteकहीं दिखता है पर होता नहीं...
ReplyDeleteकहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
इस न दिखने की बधाई ....:))
आपकी शुभकामनाओं का तहे दिल से धन्यवाद हरक़ीरत हीर जी! :)
Delete~सादर !!!
बहुत सुंदर ......बहुत अच्छा लिखतीं रहिये ...लाजवाब
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद .... ajay yadav ji !:)
Deleteकहीं दिखता है पर होता नहीं...
ReplyDeleteकहीं होता है पर दिखता नहीं..!
...बहुत सुन्दर ..:)
बहुत बहुत धन्यवाद भाभी !:)
Deleteकहीं दिखता है पर होता नहीं...
ReplyDeleteकहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
क्या बात है !! बेहतरीन
शुक्रिया...सदा जी !:)
Deleteजज़्बा-ए-दोस्ती में निखरता प्यार...
ReplyDeleteएहसास-ए-दुश्मनी में बिखरता प्यार !
सौ आना सच्ची बात हैं .... बेहतरीन
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/11/3.html
शुक्रिया... Rohitas ji !:)
Deleteप्यार के भिन्न भिन्न रूप .... बस होना चाहिए ॥दिखे या न दिखे ...
ReplyDeleteचेहरे पे दमकता नूर प्यार...
ReplyDeleteझुर्रियों में खोई कहानी प्यार ...
सच है की प्यार के इतने रूप, इतने रंग हैं की किसी एक रंग में बांधना आसान नहीं ... लाजवाब ...
आभार विभा रानी जी !
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत. प्यार के सारे रंग आँखें के सामने से गुज़र गए.
ReplyDeleteरंग नहीं होता प्यार का
ReplyDeleteहर बूँद हर लम्हें बदलता रहता ह
sundar shabd
ReplyDeleteप्यार का कैसा अनोखा रंग...
ReplyDeleteइस रंग के कैसे अजब हैं ढंग..!
कहीं दिखता है पर होता नहीं...
कहीं होता है पर दिखता नहीं...!!!
प्यार दिखता नही पर होता है .....सुंदर अभिव्यक्ति
बस प्यार ही प्यार है
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