* ज़िंदगी और मैं... *
मैं आगे..., ज़िंदगी मेरे पीछे चलती रही...
रेशमी ख्वाबों के, मखमली एहसासों के अनमोल लम्हे....
अपनी साँसों में लपेट....हर मोड़ पर सहेज ..
मैं उसको थमाती रही...!
अब...
ज़िंदगी आगे..., मैं पीछे चलती हूँ....,
वक़्त के तक़ाज़ों की... बेरहम धूप में....
बेज़ार, बेजान सी मैं...जब हाँफने लगती हूँ...,
बैठ जाती हूँ...सुक़ून से... यादों की छाँव में....
लम्हा लम्हा गिनती हूँ .... साँसें साँसें चुनती हूँ...!!!.
आखिरी पैरा बहुत बहुत अच्छा लगा मैम!
ReplyDeleteसादर
बहुत बहुत शुक्रिया यशवंत जी ! :)
Deletebohot bohot sundar...pad kar bohot aacha laga..
ReplyDeletekeep going....
http://apparitionofmine.blogspot.in/
http://meandwords.blogspot.in/
Thank u so much...Noopur ji !!! :-)
Deleteवक्त के तकाजे कभी कभी रुला देते हैं ... सासों कों समेटने नहीं देते ...उम्दा नज़्म ...
ReplyDeleteतहे दिल से शुक्रिया....
DeleteThanks !!! :)
ReplyDeleteकभी ज़िन्दगी आगे और कभी 'वो' लगे आगे ,
ReplyDeleteपीछे पीछे तो बस मैं और मेरी किस्मत |
अमित श्रीवास्तव जी...धन्यवाद! :)
Deletebahut sundar ...!!!
ReplyDeleteThank u !!! :)
Deleteबस यही आगे पीछे चलाने वाली ज़िंदगी .... सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (14-07-2012) के चर्चा मंच पर लगाई गई है!
चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप।
टिप्पणियों से किसी को, देना मत सन्ताप।।
मित्रभाव से सभी को, देना सही सुझाव।
शिष्ट आचरण से सदा, अंकित करना भाव।।
बहुत बहुत धन्यवाद....शास्त्री सर!
ReplyDeleteअहोभाग्य हमारे ! पधारे आप हमारे लम्हों के गाँव,
देख टिप्पणी स्नेहभरी ...ज़मीं पर टिकते नहीं हमारे पाँव!
कामना यही, यही हमारे लेखन का आधार...
छत्रछाया में आपकी आकर...निखरे हमारी कलम,
सीधी-सच्ची बात करेंगे ,न करेंगे निराश आपको हम !
सादर !
एक भाव पूर्ण रचना..
ReplyDeleteधन्यवाद....यशोदा जी ! :)
Deletewah wah wah.....man ko bha gayi apki kavita
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया...अना जी !!! :)
Deleteshukr hai yadon ki chhanv to hai. jindgi kat hi jayegi fir to.
ReplyDeleteलम्हा लम्हा गिनती हूँ .... साँसें साँसें चुनती हूँ...!!!
ReplyDeleteबहुत उम्दा रचना.....!!
वाह मज़ा आ गया, बेहतरीन रचना
ReplyDeleteलम्हा लम्हा गिंनती रही,चुनती रही मै साँस,
ReplyDeleteवक्त तकाजा कर रहे, लिए यादों की मै आस,,,,,,,
बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
छोटी सी सुन्दर सी कविता
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteसादर।
बेहद सुन्दर भाव लिए खुबसूरत रचना है.
ReplyDeleteक्या लिखा है आपने.बस बार बार पढता ही चला गया.
मै आज ही यहाँ आया और आकर यहीं पर खो गया.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
अद्भुत भाव....
ReplyDeleteज़िंदगी की एक यह भी हकीकत है
ReplyDeleteकभी हम आगे चलते हैं तो कभी ज़िंदगी.
भावपूर्ण रचना.
अत्यंत ही भाव पूर्ण अत्यंत सहज एवं कोमल अभिव्यक्ति ..आभार एवं शुभ कामनाएं !!!
ReplyDeletebahut sunder!!
ReplyDeletebehtareen...intekhab.thanks for sharing anita jii.
ReplyDeleteइस रचना को सराहने का और हौसला-अफज़ाई का ....आपका सभी का तहे दिल से शुक्रिया और बहुत बहुत आभार !!! :-)
ReplyDeleteDelightfully lyrical . (Hindi Lippi na likhane ki mazrat chahunga )
ReplyDeletesurinder nath ji....आपका तहे दिल से शुक्रिया !!!:)
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