काफी समय से मेरे व मेरे परिवार का यूरोप घूमने का मन था !इस वर्ष जनवरी/ फ़रवरी में 'मेक माई ट्रिप' की तरफ से आकर्षक पैकेज निकले तो हम तीनों (मेरे पति, मैं व हमारा बेटा ) की बुकिंग जून २०१३ के लिए हो गयी! १२ जून की आधी रात को दिल्ली से निकलना था तथा २१ जून की सुबह वहाँ से वापस निकलना था! जिन देशों में हम घूमने वाले थे वो थे -
फ्रांस , बेल्जियम, नीदरलैंड्स, जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड तथा इटली !
मुझे सबसे ज़्यादा उत्साह स्विट्ज़रलैंड का था ! यश चोपड़ा साहब की फिल्मों के दृश्य आँखों के आगे बार-बार आ रहे थे!
वैसे इन सब देशों में कुछ बातें सामान थीं! ये सभी किसी न किसी प्रसिद्ध नदी के किनारे बसे हुए हैं , मशहूर, गगनचुम्बी , ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्द हैं, क़रीब-करीब इन सभी देशों में मशहूर चर्च / कैथेड्रल हैं ! घूमने, टहलने के लिए मुख्य बाज़ार की लेन्स सब एक जैसी हैं ! सिर्फ स्विट्ज़रलैंड में दो जगहें ऐसी घूमीं ... जहाँ 'बर्फ़ ही बर्फ़' दिखी और सबसे ज़्यादा मज़ा वहीँ आया ! ये सभी देश बहुत पास-पास हैं ! हम लोगों का पूरा सफ़र बस के द्वारा हुआ ! इस तरह वहाँ के प्राकृतिक दृश्यों का भरपूर आनंद लिया तथा खूब फ़ोटो भी लिए !
अपने घर से तथा देश से...बाहर जाकर हम हिन्दुस्तानियों को दो बातों की दिक्क़त की संभावना सबसे अधिक रहती है ... एक तो अपने घर जैसा खाना तथा दूसरा इतने लम्बे सफ़र में वॉश-रूम्स ( जिन्हें वहाँ 'रेस्ट-रूम्स' कहते हैं ) की ज़रुरत !
इन दोनों में से कोई भी समस्या हम लोगों नहीं हुई ! रहना, खाना व घूमना सब पैकेज में था तथा 'रेस्ट -रूम्स' सब जगह साफ़- सुथरे मिले! ये अलग बात है कि कहीं- कहीं उसके पैसे देने पड़ते हैं ! हाँ !पानी हर जगह बहुत महँगा था! आधा लीटर पानी की बोतल '२ यूरो ', यानी अपने यहाँ के १६० रुपये! :-)
इस ट्रिप में हम तीनों को मिलाकर कुल ३९ लोग थे ... भारत के अलग- अलग भागों से ! ४० वें व्यक्ति थे हमारे टूर गाइड श्री मनीष वखारिया तथा ४१वें.. बस-चालक-श्री ऑस्कर , जिन्हें हम कोच- कैप्टेन कहते थे! वो इटली के रहने वाले थे !
इन नौ दिनों में हम सब एक परिवार की तरह हो गए थे ! पूरे सफ़र के दौरान खूब हँसी-मज़ाक , गाना-बजाना तथा भिन्न- भिन्न खेलों से सबका दिल बहलता रहा! सफ़र के अंत में बहुतों ने एक- दूसरे की मेल आई.डी. ली, तथा फेसबुक पर भी जुड़ गए !
मैं एक-एक कर के इन सभी देशों में जहाँ-जहाँ घूमी-फिरी , वो आप सब के साथ चित्र सहित यहाँ साझा करने की पूरी कोशिश करूँगी !
आशा है, आप सबको मेरा ये प्रयास पसंद आएगा ! बहुत जल्द मिलने की उम्मीद के साथ ... :-)
क्रमशः
फ्रांस , बेल्जियम, नीदरलैंड्स, जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड तथा इटली !
मुझे सबसे ज़्यादा उत्साह स्विट्ज़रलैंड का था ! यश चोपड़ा साहब की फिल्मों के दृश्य आँखों के आगे बार-बार आ रहे थे!
वैसे इन सब देशों में कुछ बातें सामान थीं! ये सभी किसी न किसी प्रसिद्ध नदी के किनारे बसे हुए हैं , मशहूर, गगनचुम्बी , ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्द हैं, क़रीब-करीब इन सभी देशों में मशहूर चर्च / कैथेड्रल हैं ! घूमने, टहलने के लिए मुख्य बाज़ार की लेन्स सब एक जैसी हैं ! सिर्फ स्विट्ज़रलैंड में दो जगहें ऐसी घूमीं ... जहाँ 'बर्फ़ ही बर्फ़' दिखी और सबसे ज़्यादा मज़ा वहीँ आया ! ये सभी देश बहुत पास-पास हैं ! हम लोगों का पूरा सफ़र बस के द्वारा हुआ ! इस तरह वहाँ के प्राकृतिक दृश्यों का भरपूर आनंद लिया तथा खूब फ़ोटो भी लिए !
अपने घर से तथा देश से...बाहर जाकर हम हिन्दुस्तानियों को दो बातों की दिक्क़त की संभावना सबसे अधिक रहती है ... एक तो अपने घर जैसा खाना तथा दूसरा इतने लम्बे सफ़र में वॉश-रूम्स ( जिन्हें वहाँ 'रेस्ट-रूम्स' कहते हैं ) की ज़रुरत !
इन दोनों में से कोई भी समस्या हम लोगों नहीं हुई ! रहना, खाना व घूमना सब पैकेज में था तथा 'रेस्ट -रूम्स' सब जगह साफ़- सुथरे मिले! ये अलग बात है कि कहीं- कहीं उसके पैसे देने पड़ते हैं ! हाँ !पानी हर जगह बहुत महँगा था! आधा लीटर पानी की बोतल '२ यूरो ', यानी अपने यहाँ के १६० रुपये! :-)
इस ट्रिप में हम तीनों को मिलाकर कुल ३९ लोग थे ... भारत के अलग- अलग भागों से ! ४० वें व्यक्ति थे हमारे टूर गाइड श्री मनीष वखारिया तथा ४१वें.. बस-चालक-श्री ऑस्कर , जिन्हें हम कोच- कैप्टेन कहते थे! वो इटली के रहने वाले थे !
इन नौ दिनों में हम सब एक परिवार की तरह हो गए थे ! पूरे सफ़र के दौरान खूब हँसी-मज़ाक , गाना-बजाना तथा भिन्न- भिन्न खेलों से सबका दिल बहलता रहा! सफ़र के अंत में बहुतों ने एक- दूसरे की मेल आई.डी. ली, तथा फेसबुक पर भी जुड़ गए !
मैं एक-एक कर के इन सभी देशों में जहाँ-जहाँ घूमी-फिरी , वो आप सब के साथ चित्र सहित यहाँ साझा करने की पूरी कोशिश करूँगी !
आशा है, आप सबको मेरा ये प्रयास पसंद आएगा ! बहुत जल्द मिलने की उम्मीद के साथ ... :-)
क्रमशः
ब्लागिंग से आपकी अनुपस्थिति का कारण यूरोप टूर मे व्यस्तता थी. अब आपके सिलसिलेवार यात्रा वृतांत का चित्रों सहित इंतजार रहेगा, बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!
Deleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (03-07-2013) के .. जीवन के भिन्न भिन्न रूप ..... तुझ पर ही वारेंगे हम .!! चर्चा मंच अंक-1295 पर भी होगी!
सादर...!
शशि पुरवार
आभार शशि जी ...
Delete~सादर
आपने बिल्कुल सही समझा ताऊ जी!
Deleteआभार...
~सादर!!!
बढिया,
ReplyDeleteइंतजार रहेगा
बहुत बढिया,
ReplyDeleteयात्रा वृतांत का चित्रों सहित इंतजार रहेगा
......
आपकी कलम एवं आपकी नजर से हमसब भी यूरोप घूम लेंगेः)...अगले पोस्ट के इन्तेजार में...
ReplyDeletepyara sa yatra vritant... behtareen...
ReplyDeletephotos ka intzaar hame bhi rahega........
wow - have a gr8 trip
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन मिलिये ओम बना और उनकी बुलेट से - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआभार...
Delete~सादर
स्वागत है ! यात्रा-भ्रमण का चित्रों सहित देखने और पढने का इंतज़ार रहेगा !
ReplyDeleteशुभकामनायें!
बहुत बढिया,
ReplyDeleteयात्रा वृतांत
आप सभी द्वारा उत्साहवर्धन का बहुत बहुत आभार!:)
ReplyDeleteहम अगली पोस्ट की तैयारी में लग गये हैं... :)
जल्द ही मिलेंगे..
~सादर!!!
बहुत बढ़िया जी, यह सभी देश घूमने वाले हैं यहाँ घूमने का अपना एक अलग ही मज़ा है मैं घूम चुकी हूँ और अपने पूराने ब्लोगस में सभी की चर्चा भी कर चुकी हूँ आप भी आइये उन पोस्ट पर फिर देखें आपके और हमारे अनुभव कितने मिले :)
ReplyDeleteरोचक यात्रा वृतांत
ReplyDeleteये खुशनुमा पल सदैव स्मृतियों में जिन्दा रहेंगे
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
जीवन बचा हुआ है अभी---------
आगे की कड़ियों का इंतज़ार रहेगा ....
ReplyDeletethanks to share .
ReplyDeleteबहुत बढिया,
ReplyDeletelatest post मेरी माँ ने कहा !
latest post झुमझुम कर तू बरस जा बादल।।(बाल कविता )
बधाई ..
ReplyDeleteकुशल यात्रा की बधाई चित्रों की कमी खली
ReplyDeleteआपकी यात्रा सफल रहे ... वृतांत और चित्रमय संस्मरण हो तो सोने पे सुहागा हो जाता ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...इंतजार अगली पोस्ट का...
ReplyDeleteउत्साहवर्धन के लिए...आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया! :-)
ReplyDelete~सादर