शीशे का दिल,
पत्थर ये दुनिया..
मैं जाऊँ कहाँ...
आओ सँवारें
ईश्वर ने बनाया...
बंधन प्यारा...
हाथों में हाथ,
मंज़िल सिर्फ़ प्यार...
फिर क्या बात
तुमसे मिले
हर फूल महके...
मेरे ग़म भी...
जब साथ तू
न फिक़्र मंज़िल की
राहे वफ़ा में...
थाम लो हाथ,
दुनिया को दें मात...
हम जो साथ...!
सर्द जज़्बात,
बर्फ़ीले एहसास
खोये अल्फ़ाज़ !
सर्द जज़्बात ,
चाहत की धूप . को..
खोजे ये मन !
तेजस्वी रवि,
लिखे स्वर्णाक्षरों में...
तरंग पाती...
.
स्वर्ण कलश...
सिंधु में ढुलकाती....
उषा पधारी !
यादें पिटारा...
जब भी खुल जाएँ...
कसके मन...
बिखरें यादें...
पलकों पर जब ...
चमके ओस...
नेह के रंग,
रंगे जो तन-मन....
रहे मगन... !
~आदरणीय श्री देवेन्द्र कुमार बहल जी व श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी की हार्दिक आभारी हूँ..... :-)
अनिता जी ,आपके हाइकु की विशेषता है गागर में सागर भर देना , कम शब्दों में सरस अनुभूति को और अधिक प्राणवान् बना देना । आपका लेखन हर पाठक को अभिभूत करेगा । हमें जो रसानुभूति हुई उसके लिए तो शब्द नहीं। बाह्य प्रकृति और अन्त: प्रकृति -दोनों को चित्रित करने में आपकी लेखनी सक्षम है । -रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ReplyDeleteआदरणीय हिमांशु भैया, आपके प्रोत्साहन और स्नेह से परिपूर्ण शब्दों के आगे निःशब्द हैं हम.....
Deleteअपना आशीर्वाद सदा यूँ ही बनाए रखिएगा.... :-)
~सादर!!!
सुंदर हाइकु..... बधाई
ReplyDelete
ReplyDeleteयादें पिटारा...
जब भी खुल जाएँ...
कसके मन...
सभी एक से बढ़कर एक हाइकु ... प्रकाशन पर बधाई
बहुत ही बेहतरीन हाईकू, सभी लाजवाब हैं, प्रकाशन के लिये बहुत बधाई.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत ही सुन्दर हाइकू ...
ReplyDeleteबधाई इनके प्रकाशन पर ...
बढ़िया है हाइकु
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरेया-
एहसासों और अनुभूतियों का प्रक्षेपण है हरेक हाइकू लिए अपना अलग रंग और एहसासात .ज़िन्दगी के करीब ज़िन्दगी के आसपास भी .
ReplyDeleteबिखरें यादें...
ReplyDeleteपलकों पर जब ...
चमके ओस...
हर एक हाईकु बेहतरीन
lajawab-***
ReplyDeleteसराहना तथा प्रोत्साहन के लिए आप सभी का हार्दिक धन्यवाद व आभार... :-)
ReplyDelete~सादर!!!
बहुत ही सुन्दर हाइकू ******
ReplyDeleteसंदेश देते हुए बहुत प्यारे हाइकू!
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनाएँ!
सराहना तथा प्रोत्साहन के लिए आप सभी का हार्दिक धन्यवाद व आभार!:-)
ReplyDelete~सादर!!!
वाह ...
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
हर हाईकू की अपनी अप्रतिम छटा .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
ReplyDeleteहाथों में हाथ,
ReplyDeleteमंज़िल सिर्फ़ प्यार...
फिर क्या बात.
हाईकू के रूप में अनुपम भाव और उत्कृष्ट सोच.
बहुत-बहुत बधाई और ढेरों शुभकामनायें ....
ReplyDeleteथाम लो हाथ,
दुनिया को दें मात...
हम जो साथ....!!
है दिल खुश
पा विश्वास तुम्हारा
जहाँ मुट्ठी में .... !!
हाइकु के बारे में, मैं तो कुछ नही जानता ! पर हर शब्द अपनी जुबान से अपना और आपके अहसासों का परिचय बखूबी बयाँ कर रहा है !
ReplyDeleteबहुत-बहुत मुबारक स्वीकारें !
शुभकामनायें!