Friday, 13 February 2015

प्यार ...




प्यार.....
खिलती मुस्कान, आँसू की ज़ुबान भी है !
फूलों की ख़ुश्बू , काँटों का सामान भी है !
सूरज की तपिश, बारिश का वरदान भी है !
तन्हाई का साथी, भीड़ में बियाबान भी है !
स्पर्श की मीठी सिहरन , तंज़ से लहुलुहान भी है !
पोखर में कमल, सागर में तूफ़ान भी है !
अमावस की रात, चाँदनी का अरमान भी है !
विरह की बदरी , पपीहे की तान भी है !
धड़कन की सरगम , जिस्म की जान भी है !
हर जवाब की बुनियाद, हर सवाल का एहतराम भी है !
प्यार.....
जीवन का आग़ाज़ , जीवन का अंजाम भी है...!!!