tag:blogger.com,1999:blog-4949246214546425563.post2958718303705260736..comments2023-12-23T15:25:54.171+05:30Comments on बूँद-बूँद लम्हे: Anita Lalit (अनिता ललित ) http://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4949246214546425563.post-42789668045240580892012-05-31T22:00:53.351+05:302012-05-31T22:00:53.351+05:30वाह ! क्या बात कही प्रकृति ! दिल गदगद हो गया ! बहु...वाह ! क्या बात कही प्रकृति ! दिल गदगद हो गया ! बहुत बहुत शुक्रिया दोस्त ! :)Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4949246214546425563.post-3472337208166838302012-05-30T21:27:07.177+05:302012-05-30T21:27:07.177+05:30_इस दिल में जब तक तेरी जुस्तजू है, ज़बाँ जब तलक है..._इस दिल में जब तक तेरी जुस्तजू है, ज़बाँ जब तलक है यही गुफ़्तगू है तमन्ना है तेरी अगर है तमन्ना ! तेरी आरज़ू है अगर आरज़ू है, किया सैर सब हमने गुलज़ार-ए-दुनिया, गुले-दोस्ती में अजब रंगो-बू है ग़नीमत है ये दीद वा दीदे-याराँ ! नज़र मेरे दिल की पड़ी ‘दोस्त’ किस पर, जिधर देखती हूँ वही रू-ब-रू है...prakritihttps://www.blogger.com/profile/10174960352515314496noreply@blogger.com